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जेलेंस्की युद्ध रोकने के लिए तैयार, NATO की चाहिए लेकिन सदस्यता

रूसी सेना के लगातार आगे बढ़ने से घबराए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अब युद्ध रोकने के लिए तैयार हो गए हैं. जेलेंस्की ने पुतिन की एक शर्त भी मान ली है कि जिन इलाकों पर रूसी सेना ने कब्जा कर लिया है उसे वापस नहीं लिया जाएगा. लेकिन जेलेंस्की ने युद्ध रोकने के लिए यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनाने की मांग की है.

डोनबास पर कब्जा करने के बाद रूसी सेना अब यूक्रेन के खारकीव प्रांत में कई किलोमीटर अंदर दाखिल हो गई है और कई रिहायशी इलाकों पर अधिकार जमा लिया है.

वहीं यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क प्रांत में 40 प्रतिशत इलाका गंवा दिया है. इस दौरान यूक्रेनी सेना को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा है. कुर्स्क में यूक्रेन सैनिकों और विदेशी लड़ाकों के शवों की तस्वीरें और वीडियो सामने आई है.

पिछले तीन साल में जेलेंस्की पहली बार ये मानने के लिए तैयार है कि जिन इलाकों में रूस ने कब्जा कर लिया है उसे जंग के जरिए यूक्रेन वापस लेने की कोशिश नहीं करेगा. क्योंकि यूक्रेन ने रूस के हाथों डोनबास (दोनेत्स्क, लुगांस्क, खेरसोन, मारियूपोल इत्यादि) का हिस्सा खो दिया है. ये इलाका यूक्रेन की कुल क्षेत्रफल का पांचवा हिस्सा था.

जेलेंस्की ने हालांकि, डिप्लोमेसी के जरिए इन इलाकों को वापस लेने की बात जरूर कही है.

युद्धविराम के लिए जेलेंस्की ने हालांकि नाटो की सदस्यता की मांग की है लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसके लिए तैयार होंगे, ये कहना मुश्किल है. क्योंकि कुछ महीने पहले पुतिन ने युद्धविराम की जो दो शर्ते रखी थी उनमें डोनबास (और क्रीमिया) जैसे इलाकों पर यूक्रेन वापस ना लेने की बात थी. साथ ही नाटो में शामिल ना होने की भी शर्त थी.  

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