अमेरिका का बाइडेन प्रशासन बीजेपी के उन आरोपों पर तिलमिला उठा है, जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार को अस्थिर करने और उद्योगपति गौतम अदाणी को टारगेट करने के पीछे अमेरिका का विदेश विभाग और डीप स्टेट है.
अमेरिका ने आरोपों को निराशाजनक करार दिया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता संबित पात्रा ने अमेरिका और राहुल गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस, अमेरिका आधारित एजेंसियां. खोजी मीडिया प्लेटफॉर्म ओसीसीआरपी और राहुल गांधी की तिकड़ी ने भारत को अस्थिर करने और मोदी सरकार को गिराने और असंतोष भड़काने की कोशिश की है.
अब अमेरिका ने कहा है कि हम दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता के चैंपियन रहे हैं, और इन संगठनों द्वारा संपादकीय निर्णयों को प्रभावित नहीं करते हैं.
भारत में अस्थिरता की कोशिश, अमेरिका ने दी सफाई
दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बीजेपी के आरोपों पर सफाई दी है. अमेरिकी दूतावास ने कहा, “यह निराशाजनक है कि भारत में सत्तारूढ़ पार्टी इस तरह के आरोप लगा रही है. अमेरिका लंबे समय से दुनिया भर के मीडिया की स्वतंत्रता का समर्थक रहा है. अमेरिकी सरकार पत्रकारों के लिए पेशेवर विकास और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण का समर्थन करने वाले कार्यक्रमों पर स्वतंत्र संगठनों के साथ काम करती है. यह कार्यक्रम इन संगठनों के संपादकीय निर्णयों या दिशा को प्रभावित नहीं करता है. स्वतंत्र प्रेस किसी भी लोकतंत्र का एक अनिवार्य घटक है, जो सूचित और रचनात्मक बहस को सक्षम बनाता है और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराता है.”
भारत के खिलाफ डीप स्टेट की बड़ी साजिश: संबित पात्रा
संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि “कांग्रेस के पास पश्चिम देशों में कोई है, जो नैरेटिव सेट करने में मदद करता है. जो पर्दे के पीछे से काम कर रहा है. डीप स्टेट का स्पष्ट उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाकर भारत को अस्थिर करना था. संसद सत्र से ठीक पहले अदाणी मामले पर कई आर्टिकल छापे गए. जिसके बाद से ही संसद में अदाणी मामले पर हंगामा किया जा रहा है.”
पात्रा ने कहा कि “ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट को अमेरिकी विदेश विभाग और अरबपति जॉर्ज सोरोस जैसे “डीप स्टेट” से जुड़े लोगों द्वारा वित्तीय सहायता मिल रही है. यह समूह प्रधानमंत्री मोदी और भारत की छवि को खराब करने के लिए बेबुनियाद रिपोर्ट छाप रहे हैं. हमारे पास सबूत हैं कि ओसीसीआरपी को 50% फंडिंग अमेरिकी विदेश विभाग से मिलती है. ओसीसीआरपी अडाणी ग्रुप और सरकार के बीच रिश्तों को लेकर झूठे और बेबुनियाद आरोपों के जरिए भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है.”
संबित पात्रा के मुताबिक, “पिछले 4 सालों में संसद में राहुल गांधी ने जो भी मामला उठाया है, वो उन्होंने ओसीसीआरपी की रिपोर्ट के बाद उठाया है. चाहे वो अदाणी का मामला हो या फिर पेगासस हो ये सब सोची समझी साजिश के तहत उठाए गए मामले हैं.”