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पंजाबन की अमेरिका में नियुक्ति, ट्रंप के फैसले पर सवाल

क्या डोनाल्ड ट्रंप ने एक ‘पंजाबन’ को अपने प्रशासन में उच्च पद देकर गलती कर दी है. ये सवाल इसलिए क्योंकि जिन हरमीत कौर ढिल्लन उर्फ ‘पंजाबन’ को ट्रंप ने जस्टिस डिपार्टमेंट में असिस्टेंट अटॉर्नी-जनरल बनाया है वो खालिस्तान समर्थक रही हैं.

ट्रंप ने अपने शपथ-ग्रहण से पहले ही कैबिनेट सहित अहम पदों के लिए नामों की घोषणा की है. इसी कड़ी में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने जस्टिस डिपार्टमेंट में सिविल राइट्स (मानवाधिकार) मामलों के लिए पंजाबन को असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल बनाया है.

दरअसल, ट्रंप के चुनाव जीतने से पहले हरमीत ने कनाडा में मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर सार्वजनिक तौर से सहानुभूति जताई थी. समय-समय पर हरमीत ने खालिस्तानी विचारधारा को लेकर अपने विचार रखे हैं.

हरमीत ने पिछले साल नवंबर में एक सोशल मीडिया पोस्ट पर भारत सरकार द्वारा अमेरिका और कनाडा में डेथ-स्क्वाड भेजने के गंभीर आरोप जड़ दिए थे. हरमीत (पंजाबन) का आरोप था कि नॉर्थ अमेरिका (यूएस और कनाडा) में भारत उन सिखों को निशाना बना रहा है जो पंजाब में सिविल और ह्यूमन राइट्स को लेकर मुखर थे.

हरमीत ने कई बार सोशल मीडिया पर आरएसएस पर तंज कसे हैं. यही वजह है कि हरमीत की नियुक्ति से भारत के माथे पर बल पड़ने शुरू हो गए हैं. इंटरनेट पर लोगों ने हरमीत की भारत-विरोधी विचारधारा को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं.

राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की समर्थक रहने के साथ ही रिपब्लिकन पार्टी के लिए कोर्ट में केस भी लड़े हैं. एक चुनावी अभियान के दौरान हरमीत ने ट्रंप की जीत के लिए मंच पर ही सिर पर दुपट्टा रखकर अरदास पढ़ी थी. तभी से ट्रंप ने हरमीत को अपने इनर-सर्किल में शामिल कर लिया था. (https://x.com/pnjaban/status/1866275419173073208)