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कनाडा से भारत है अगर आना, माननी होगी वीजा की ये शर्त

कनाडा से भारत आने के लिए वीजा चाहिए तो पहले देशभक्ति दिखाओ और खालिस्तानियों से किनारा करो. कनाडा के खालिस्तानी प्रेम को देखते हुए भारत का वीजा चाहने वालों के लिए विदेश मंत्रालय ने अपनाया है देशभक्ति दिखाने वाला रुख.

मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से खालिस्तानी और मोस्ट वांटेड आरोपियों को पनाह देने वाले कनाडा से भारत अच्छे से वाकिफ था. इसलिए वीजा देने से पहले भारत ने शक के आधार पर उन लोगों से ऐसे दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा था जिसमें लिखा था कि “मेरा विश्वास है कि भारत एक महान संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य है और मैं उन आदर्शों का सम्मान करता हूँ जिन पर भारतीय संविधान आधारित है. हालाँकि, मैं कनाडा में रहता हूँ, फिर भी मैं भारत से प्यार करता हूं, मैं भारत की संप्रभुता और अखंडता में दृढ़ विश्वास रखता हूँ.”

भारत ने लिखवाया मातृभूमि से प्यार, तो कनाडा को क्यों हुआ पेट में दर्द क्यों?

कनाडा की एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत, खालिस्तानी समर्थकों को वीजा देने से पहले एक पत्र पर साइन करवाता है. इस पत्र में खालिस्तानियों को नजरअंदाज करने की शर्त होती है. सिख लोगों को वीजा देने से पहले भारत की एकता और अखंडता को समर्थन देने की बात पर हामी भरवाता है. अगर ऐसा नहीं किया तो वीजा नहीं दिया जाता. 

सवाल ये है कि भारत के इस एक्शन से कनाडा के पेट में क्यों दर्द हो रहा है? भारत से कनाडा जाने वाला शख्स अगर ये लिखता है कि वो भारत के एकता और अखंडता का समर्थन करता है तो ऐसा लिखने और कहने में दिक्कत क्या है? अगर खालिस्तानियों से किनारा किए जाने तो कहा जाता है तो भी तो ये वो लोग है जो भारत के लिए खतरा है, उनसे दूरी बनाने में परेशानी कैसी?

हर देश आपराधिक पृष्ठभूमि की करता है जांच

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और एनएसए अजीत डोवल पर बेबुनियाद आरोप लगाने के बाद भी कनाडा का मन नहीं भरा है. कनाडा भूल गया है कि भारतीय नेताओं पर रिपोर्ट के बाद कैसे ट्रूडो सरकार को अपने बयान से यूटर्न लेना पड़ा था. अगर भारत की अस्मिता को लेकर शक के आधार पर दस्तावेज पर सिग्नेचर करवाए भी गए हों तो उसमें कहीं से भी कुछ भी गलत नहीं है.

अमेरिका हो या फिर कोई और शक्तिशाली देश, अपने यहां आने वालों को वीजा देने से पहले आपराधिक पृष्ठभूमि से लेकर एक-एक सवालों के जवाब मांगते हैं. अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले के बाद से तो एयरपोर्ट पर आने वाले लोगों के चाहे वो सेलेब्रिटी ही क्यों ना हों रोक लिया जाता है और जूते तक उतारकर चेकिंग की जाती है. यहां तक कि कनाडा भी वीजा देने से पहले तमाम तरीके की चेकिंग करता है. 

अमेरिका और कनाडा जैसे देश तो भारत के पूर्व -सैनिकों को इसलिए वीजा देने से इंकार कर देते थे कि उन्होंने जम्मू कश्मीर या फिर पंजाब में अपनी सेवाएं दी हैं.

वीजा को लेकर लिखवाए गए पत्र पर अभी तक हालांकि, विदेश मंत्रालय की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

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