अमेरिका में ट्रंप सरकार आने और रूस के भारत के साथ होने से से फड़फड़ा रहा है अमेरिकी और कनाडाई नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू. भारत के मोस्ट वांटेड और खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पहली बार रूस के खिलाफ बोलकर बड़ा पंगा मोल ले लिया है.
इधर-उधर छिपते फिर रहे गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा है कि रूस के साथ मिलकर भारत, खालिस्तानी समर्थकों को नुकसान पहुंचाना चाहता है. पन्नू ने एक वीडियो जारी करते रूसी मीडिया समेत रूस की एजेंसियों पर बड़ा आरोप लगाते हुए उन्हें भारतीयों से मिला हुआ बता दिया. पन्नू ने अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा को रुस के साथ मिलकर प्रो-खालिस्तानियों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है.
रूस के खिलाफ बोला आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू
सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने वीडियो जारी करके दावा किया है कि “अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय क्वात्रा रूस के डिप्लोमेट्स और एजेंसियों के साथ मिलकर खालिस्तान समर्थकों को निशाना बना रहे हैं. भारत ने जानबूझकर क्वात्रा को वॉशिंगटन में तैनात किया, ताकि वो रूसी डिप्लोमेट्स से सांठगांठ कर सकें. रूसी एजेंसियां भी भारतीय खुफिया एजेंसियों को खुफिया जानकारी दे रही हैं ताकि वे उन्हें खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ इस्तेमाल कर सकें.”
पन्नू के मुताबिक, “हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद से भारतीय अधिकारी रूस जा रहे हैं ताकि खालिस्तान आंदोलन को कमजोर करने में उनकी मदद ले सकें.”
रूसी दूतावास पर खालिस्तानी समर्थकों का प्रदर्शन, और सख्त होगा रूस
खालिस्तान चरमपंथियों ने न्यूयॉर्क और टोरंटो में रूसी दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है, जिसके बाद रूस अलर्ट है. वैसे तो रूस ने कभी भी भारत के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दी है लेकिन पन्नू ने रूस का सीधे-सीधे नाम लेकर पंगा मोल ले लिया है.
रूस ऐसा देश बिलकुल नहीं है जो ऐसे आरोपों पर चुप रह जाए. रूस के जिस मीडिया संस्थान को पन्नू ने घेरा है, उसने भी पन्नू को घेरा है. पन्नू ने भारत के साथ-साथ रूसी राजदूतों और अधिकारियों को भी धमकी दी है, जिसके बाद रूस खालिस्तानी समर्थकों पर और कड़ाई कर सकता है.
खालिस्तानियों के मुद्दे पर भारत के साथ है रूस
बाइडेन प्रशासन ने जब पन्नू पर जानलेवा हमले का आरोप लगाकर भारत पर सवाल उठाए थे, तो वो देश रूस ही था, जिसने अमेरिका के खिलाफ आवाज उठाई थी. रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वाशिंगटन से सबूत मांग लिए थे.
रूस ने उस वक्त कहा था “अमेरिका, भारत में आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करने की कोशिश कर रहा है. वाशिंगटन में भारत की राष्ट्रीयता की समझ का अभाव है. अमेरिका पन्नू मामले में सिर्फ अटकलों का हवाला दे रहा है. अमेरिका के पास कोई सबूत नहीं है.” (https://x.com/FrontalForce/status/1788375720919707803)
इसके अलावा भी साल 2020 में जब देश ने सिख फॉर जस्टिस को आतंकवादी संगठन घोषित किया, तब भी मॉस्को ने भारत को सपोर्ट करते हुए भगौड़ों को शरण देने वाले देशों की आलोचना की थी.