बांग्लादेश में नहीं रुक रही है हिंदुओं के खिलाफ हिंसा. बांग्लादेश के काशिमपुर सेंट्रल श्मशान में स्थित एक मंदिर के पुजारी की बेरहमी से हत्या करके लूटपाट की गई है.
इस्कॉन की कोलकाता इकाई ने दावा किया है कि शनिवार को बांग्लादेश के नाटोर में चरमपंथियों ने पुजारी की हत्या की है, हालांकि पुलिस ने मामला डकैती का बताया है.
आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पिछले सप्ताह बांग्लादेश के अलग-अलग इलाकों में आठ मूर्तियां तोड़ी गई हैं. इससे पहले संसद में भी बांग्लादेश में हिंदुओं के अत्याचार को लेकर पेश किए गए आंकड़े चौंकाने वाले हैं.
बांग्लादेश में पुजारी की हत्या, हत्या से पहले टॉर्चर का शक
इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने एक्स पोस्ट में वीडियो डालकर घटना की निंदा की. राधारमण दास ने लिखा, नाटोर के काशिमपुर सेंट्रल श्मशान में स्थित मंदिर पर हमले के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं. कीमती सामान लूट लिया गया और मंदिर के सेवायत तरुण चंद्र दास की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उनके हाथ-पैर बंधे हुए मिले. यहां तक कि हिंदू श्मशान भी सुरक्षित नहीं हैं.”
राधारमण दास के मुताबिक, “पुजारी को मारने से पहले शायद उसका टॉर्चर किया गया था, क्योंकि उनके हाथ-पैर बंधे हुए थे. बांग्लादेश पुलिस ने मामला डकैती का बताया है, पर ऐसा लगता है कि पुलिस कट्टरपंथियों का साथ दे रही है.”
विदेश मंत्रालय ने संसद में पेश किए चौंकाने वाले आंकड़े
विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में एक जवाब में बताया है कि साल 2024 में बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ 2200 हिंसक घटनाएं हुई हैं. इन घटनाओं में 2024 में 700% से अधिक की वृद्धि हुई है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि 2022 में बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा की 47 जबकि 2023 में 300 घटनाएँ हुई थीं.
वहीं पाकिस्तान में 2024 में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा के 112 मामले सामने आए हैं. 2023 में पाकिस्तान में 103 जबकि 2022 में 241 मामले सामने आए थे. सरकार ने यह भी कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के अलावा किसी भी पड़ोसी देश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने अल्पसंख्यक और मानवाधिकार संगठनों के आंकड़ों का हवाला देते हुए राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.