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दगाबाज रे! बांग्लादेश में पाकिस्तान का Psy-Ops शुरू

यूनुस सरकार को गोला-बारूद देने के साथ ही पाकिस्तान ने बांग्लादेश के अवाम को गाने-बजाने की कार्यक्रम के जरिए (पूर्व) प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत के खिलाफ नैरेटिव बनाना शुरु कर दिया है. शुरुआत की है मशहूर सिंगर राहत फतेह अली खान के कॉन्सर्ट से, जिसमें पाकिस्तान ने खुल कर शेख हसीना को शरण देने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है.

टीएफए के पास इस कॉन्सर्ट से जुड़ी ऐसी जानकारी है जिससे साफ हो जाएगा कि किस तरह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, ढाका में मौजूद पाकिस्तानी हाई कमीशन के जरिए भारत-विरोधी संस्थाओं और आतंकी संगठनों को लामबंद करने में जुट गया है.

शुक्रवार (21 दिसंबर) को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आर्मी ग्राउंड में पाकिस्तानी हाई कमीशन ने अपने देश के चर्चित गायक और बॉलीवुड सिंगर राहत फतह अली खान के जरिए स्थानीय लोगों को पिछले 53 साल से चली आ रही दुश्मनी को खत्म कर अपनी तरफ मिलाने की भरपूर कोशिश की है.

ढाका में पाकिस्तानी हाई कमिश्नर सईद मरूफ खुद इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. साथ ही अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के सांस्कृतिक सलाहकार मुस्तफा सरवार फारूकी भी मौजूद थे. मुस्तफा पेशे से फिल्मकार है. (https://x.com/Fasihullahpk/status/1871045970361979165)

कॉन्सर्ट में आतंकी संगठन

लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इस ‘डिप्लोमेटिक-कॉन्सर्ट’ में पाकिस्तान समर्थित ग्रुप को खास तौर से आमंत्रित किया गया था. इनमें शामिल थे रोहिंग्या मुस्लिमों से जुड़े आतंकी संगठन आरएसओ और एआरएसए.

रोहिंग्या सोलिडैरिटी ऑर्गेनाइजेशन (आरएसओ) और अराकान रोहिंग्या साल्वेशन ऑर्गेनाइजेशन (एआरएसओ), म्यांमार पर सक्रिय है. म्यांमार के विद्रोही संगठन अराकान आर्मी के विरोध में इन दोनों संगठनों को खड़ा किया गया है.

कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी की स्टूडेंट्स विंग, छात्र-शिबिर के नुमाइंदे भी इस कार्यक्रम में बुलाए गए थे. अगस्त के महीने में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हिंसक विद्रोह के खिलाफ इस छात्र-शिबिर का एक बड़ा हाथ था. (बांग्लादेश में तख्तापलट से पाकिस्तान गदगद, शेख हसीना ने किया था बहिष्कार)

कॉन्सर्ट बना शेख हसीना विरोधी मंच
इस कार्यक्रम को देखने और सुनने के लिए आए हजारों की तादाद में लोगों को राहत फतेह अली खान के गानों के साथ-साथ शेख हसीना विरोधी मंच बना दिया गया. शेख हसीना के खिलाफ मंच से नारे लगाए गए. शेख हसीना को फांसी देने की मांग की गई.

इस कार्यक्रम के आयोजन के तीन दिन बाद ही बांग्लादेश ने आधिकारिक तौर से भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर दी.

चावल के लिए तरस रहे देश में सिंगर को दिए तीन करोड़
इकोज ऑफ रेवोल्यूशन नाम से आयोजित किए गए इस कार्यक्रम का मकसद फंड इकठ्ठा करना था. लेकिन भारत में हिंदी फिल्मों में गाने गाकर मशहूर हुए पाकिस्तानी सिंगर राहत फतेह अली खान को यूनुस सरकार ने 2.86 लाख डॉलर (करीब साढ़े तीन करोड़ बांग्लादेशी टका) खर्च कर ढाका बुलाया था.

यूनुस सरकार ने ऐसे समय में राहत फतेह अली खान को इतनी बड़ी रकम देकर बांग्लादेश आमंत्रित किया जब खुद बांग्लादेश की आर्थिक हालत खस्ता है. बांग्लादेश खुद चावल और जरूरी सामान के लिए तरस रहा है. (https://x.com/salah_shoaib/status/1871046460646842727)

ये वही राहत फतेह अली खान है जिन्हें बालीवुड स्टार सलमान खान की फिल्मों के गानों के लिए जरूर जाना जाता है, लेकिन खुद भारत में वर्ष 2011 में विदेशी करेंसी रखने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है. (पाकिस्तान ने बांग्लादेश को शुरू की गोला-बारूद की सप्लाई (TFA Exclusive))

विजय दिवस को फीका बनाने की कोशिश

पाकिस्तान ने ढाका में इस कॉन्सर्ट को बांग्लादेश की आजादी की 53वीं वर्षगांठ के महज चार दिन बाद आयोजित कर भारत को ठेंगा दिखाने की कोशिश की है. पाकिस्तानी हाई कमिश्नर को बांग्लादेश प्रशासन के अधिकारियों के साथ विक्ट्री साइन बनाते हुए देखा गया. खुद हाई कमीशन ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा किया है.

1971 में भारत के हाथों मिली करारी हार का बदला लेने की कोशिश पाकिस्तान ने इस कॉन्सर्ट को आयोजित करके की है. पाकिस्तान ने दिखाने की कोशिश की अब बांग्लादेश भारत के हाथ से निकलकर आईएसआई की गोद में आ चुका है. (बांग्लादेश में नहीं बचा बोलने-सुनने का सहूर, विदेश मंत्रालय की लताड़)