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राजनाथ का राहुल गांधी पर पलटवार, झूठा है चीन और सेना प्रमुख पर दिया बयान

संसद में प्रतिपक्ष नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के थलसेना प्रमुख को लेकर दिए बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कड़ी आलोचना की है. राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने सेनाध्यक्ष के बयान को लेकर झूठा बयान दिया है.

राजनाथ सिंह ने खेद जताते हुए कहा कि राष्ट्रीय हितों के मुद्दों पर राहुल गांधी गैर-जिम्मेदाराना राजनीति कर रहे हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर कोई जमीन ऐसी है जिस पर चीन ने कभी घुसपैठ की तो वो 1962 में अक्साई चिन है.

थलसेना प्रमुख ने पैट्रोलिंग को लेकर दिया था बयान

पिछले महीने थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि गलवान घाटी की झड़प (जून 2020) के बाद पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ कंट्रोल (एलएसी) पर, भारत और चीन के सैनिकों के बीच पारंपरिक पैट्रोलिंग में बाधा आई थी. हालांकि, थलसेना प्रमुख ने ये भी कहा था कि पिछले साल अक्टूबर के महीने में चीन से हुए डिसएंगेजमेंट समझौते के बाद सीमा पर गश्त के पारंपरिक तरीके को फिर से शुरु कर दिया गया है.

राजनाथ सिंह के मुताबिक, इस डिसएंगेजमेंट समझौते को लेकर सरकार ने संसद को अवगत करा दिया है. (https://x.com/rajnathsingh/status/1886700535253753972)

राहुल गांधी ने पीएम मोदी और सेना प्रमुखों के बयानों में विरोधाभास बताया था

सोमवार को राहुल गांधी ने लोक सभा में कहा था कि थलसेना प्रमुख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों में विरोधाभास है.

जून 2020 में पीएम मोदी ने विपक्षी नेताओं से चर्चा करते हुए कहा था कि भारत की सीमा में ना कोई (चीन) आया और ना ही कोई घुसपैठ हुई है.

राहुल गांधी ने लोक सभा में कहा था कि चीन ने भारत की चार हजार स्क्वायर किलोमीटर की जमीन पर कब्जा कर रखा है.

1962-63 में चीन ने किया था हमारे इलाकों पर कब्जा

रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर चीन ने किसी जमीन पर कभी कब्जा किया है तो वो 1962 में अक्साई चिन की 38 हजार स्क्वॉयर किलोमीटर जमीन है. साथ ही 1963 में पाकिस्तान ने चीन को 5180 स्क्वॉयर किलोमीटर जमीन दे दी थी. राजनाथ सिंह के मुताबिक, राहुल गांधी को उस समय (1962-63) के इतिहास पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए.

लोक सभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी को सबूत लाने के लिए कहा

राहुल गांधी के दावों पर पर बीजेपी के सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई थी. लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने भी राहुल गांधी को कहा था कि उन्हें इस दावे के बारे में तथ्य पेश करने होंगे.  

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताते हुए राहुल के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि “ये गंभीर विषय है. आप ऐसा मत बोलिए, ये देश के लिए ठीक नहीं है. आपको सीरियस होना पड़ेगा.” (चीन….चीन…चीन, सबूत लाइए राहुल गांधी!)