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फ्रांस की यात्रा पर पीएम, व्हाइट हाउस में डिनर डिप्लोमेसी

फ्रांस और अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी. यात्रा पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने फ्रांस और अमेरिका की दोस्ती को एक बार फिर से याद किया है. उड़ान भरने से पहले पीएम मोदी  ने फ्रांस और अमेरिका के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी और अधिक मजबूत करने की इच्छा जताई है.

पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार पद संभालने के बाद अपनी पहली अमेरिका यात्रा को पीएम मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों की सफलताओं को आगे बढ़ाने का अवसर करार दिया.

पेरिस रवाना हुए पीएम मोदी, याद की मैक्रों संग दोस्ती

फ्रांस में पीएम मोदी एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे. फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के विशेष आमंत्रण पर पीएम मोदी फ्रांस जा रहे हैं. एआई शिखर सम्मेलन के अलावा पीएम मोदी रणनीतिक तौर पर बेहद अहम माने जाने वाले मार्सिले में भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे. वैश्विक भलाई के लिए ऊर्जा का उपयोग करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर परियोजना का भी दौरा करेंगे, जिसमें भारत फ्रांस सहित भागीदार देशों के संघ का सदस्य है.

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “मैं राष्ट्रपति मैक्रों के निमंत्रण पर 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस की यात्रा पर रहूंगा. मैं पेरिस में एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हूं, जो विश्व नेताओं और वैश्विक तकनीकी सीईओ की एक सभा है, जहां हम समावेशी, सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से नवाचार और व्यापक सार्वजनिक भलाई के लिए एआई प्रौद्योगिकी के सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.”

फ्रांस से सीधे अमेरिका जाएंगे पीएम, दोस्त ट्रंप से करेंगे मुलाकात

फ्रांस की यात्रा के बाद 12 फरवरी को पीएम मोदी सीधे अमेरिका जाएंगे. डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी के साथ उनकी यह पहली मुलाकात होगी. पीएम मोदी दूसरे ऐसे वैश्विक नेता हैं, जो ट्रंप से शपथ ग्रहण के बाद द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे. इससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप से मुलाकात की थी.  

पीएम मोदी ने अमेरिका यात्रा को लेकर कहा, “हम दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए मिलकर काम करेंगे और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य को आकार देंगे. मैं अपने मित्र राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने के लिए उत्सुक हूं. मेरे पास भारत और अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के निर्माण में उनके पहले कार्यकाल में एक साथ काम करने की बहुत अच्छी यादें हैं.”

टैरिफ और भारतीयों के निर्वासन पर होगी चर्चा

दूसरे देशों पर टैरिफ को लेकर ट्रंप सख्त हैं. कनाडा, मैक्सिको, चीन पर टैरिफ लगा चुके हैं. भारत के खिलाफ भी टैरिफ को लेकर सख्ती दिखाई है, लेकिन ट्रंप ने डायरेक्ट कोई ऐलान नहीं किया है. माना जा रहा है टैरिफ को लेकर मोदी-ट्रंप में बातचीत हो सकती है. इसके अलावा अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों पर भी चर्चा की जा सकती है. हालांकि भारत ने पहले ही कह चुका है अवैध भारतीयों की वापसी सही है, क्योंकि दूसरे देश में गलत तरीके से रहना गैरकानूनी है. लेकिन जिस तरह से सैन्य विमान में हथकड़ी लगाकर भारतीयों की वापसी की गई है, सवाल ये है कि क्या पीएम मोदी और ट्रंप के बीच वापसी के तरीके पर बातचीत की जाएगी? 

मस्क से होगी मुलाकात, रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात?

अरबपति कारोबारी और ट्रंप की टीम में डीओजीई के प्रभारी एलन मस्क सहित अमेरिकी कारोबारियों के साथ भी पीएम मोदी की बातचीत हो सकती है. 12 फरवरी को पीएम मोदी अमेरिका पहुंचेंगे और 13 फरवरी को ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मोदी के लिए डिनर आयोजित किया है. पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर है खासतौर से रूस और यूक्रेन की. चाहे वो पीएम मोदी हों या डोनाल्ड ट्रंप दोनों युद्ध रुकवाने के पक्षधर हैं, ट्रंप जानते हैं मोदी और पुतिन की गहरी दोस्ती है. मोदी युद्ध रुकवाने की अहम कड़ी हो सकते हैं. माना जा रहा है कि रूस- यूक्रेन को लेकर कोई सहमति बनाई जा सकती है, साथ ही बाइडेन प्रशासन के दौरान मोस्टवांटेड आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर जो तल्खी आई थी, वो मुद्दा भी अमेरिका के सामने द्विपक्षीय वार्ता में उठाया जा सकता है.

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