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भारत ने ठुकराई चीन पर अमेरिकी मध्यस्थता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को भारत-चीन के बीच मध्यस्थता का ऑफर दिया, लेकिन भारत ने ट्रंप के मध्यस्थता वाले प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

विदेश सचिव विक्रम मिसरी के मुताबिक-ऐसे मुद्दों को लेकर भारत का नजरिया हमेशा द्विपक्षीय रहा है. विदेश सचिव ने साफ कहा है कि “हमारे किसी भी पड़ोसी के साथ हमारे जो भी मुद्दे हैं, उन्हें हम द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझाएंगे.”

भारत-चीन के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हूं: डोनाल्ड ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चीन को लेकर यह प्रस्ताव दिया. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, “मैं भारत को देखता हूं, भारत-चीन सीमा पर भयानक झड़पें देखता हूं और मुझे लगता है कि ऐसा चलता रहता है. इस सबको रोकने के लिए अगर मैं कुछ मदद कर सकता हूं तो मुझे काफी खुशी होगी.  यह सब लंबे समय से चल रहा है जो काफी हिंसक भी है.” 

भारत अपने पड़ोसी से द्विपक्षीय वार्ता से सुलझाता है विवाद: विक्रम मिसरी

पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी साझा की है. विक्रम मिसरी ने चीन को लेकर अमेरिका के प्रस्ताव पर बेहद ही विनम्रता से कहा है कि “चीन के मुद्दे पर भारत ने स्पष्ट किया कि वह हमेशा अपने पड़ोसी देशों से द्विपक्षीय बातचीत के जरिये मसलों को सुलझाने का पक्षधर रहा है और आगे भी इसी नीति का पालन करेगा.” 

विक्रम मिसरी ने बांग्लादेश को लेकर ट्रंप-पीएम मोदी की वार्ता साझा करते हुए कहा है कि “पीएम ने इस पर अपनी चिंता जताई और उम्मीद जताई कि भारत-बांग्लादेश संबंध रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगे.”

जब ट्रंप ने की थी पाकिस्तान से मध्यस्थता की पेशकश

ऐसा पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने मध्यस्थता की पेशकश की हो. ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान, दोनों विवादों के समय भी भारत के सामने मध्यस्थता की बात कही थी. लेकिन भारत ने हर बार ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को टाल दिया है.

पाकिस्तान के खिलाफ जब भारत ने सर्जिकल और एयरस्ट्राइक की थी, तो ट्रंप ने पीएम मोदी से सीधे बातचीत की थी, लेकिन पीएम ने ट्रंप से साफ तौर पर कहा था, कि भारत हमेशा से अपने दुश्मन को हराता आया है, और इस बार भी अपनी ताकत से हराएगा. पीएम मोदी ने सीधे तौर पर अमेरिकी मध्यस्थता को टाल दिया था. इस घटना का जिक्र खुद ट्रंप ने एक इंटरव्यू में किया था और पीएम मोदी को बेहद मजबूत नेता बताते हुए ये कहा था कि भारत सुरक्षित हाथों में है.

टैरिफ और व्यापार पर क्या है विदेश मंत्रालय का बयान?

विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को बेहद सफल बताया है. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, “अब भारत और अमेरिका को द्विपक्षीय कारोबारी समझौते पर आगे बढ़ने का रास्ता मिल गया है. डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल से ही इस द्विपक्षीय कारोबारी समझौता बढ़ाना चाहते थे.”

विदेश सचिव मिसरी ने टैरिफ को लेकर भी बयान जारी किया. कहा कि, “हम पिछले काफी समय से टैरिफ पर चर्चा सुन रहे थे. अब इस मुद्दे पर दोनों नेताओं ने बातचीत की है. दोनों पक्षों ने अपना-अपना नजरिया एक दूसरे के सामने रखा है.”  

शुरुआती पड़ाव में है एफ 35 की बातचीत: विदेश मंत्रालय

अमेरिकी फाइटर जेट्स की खरीदारी के लिए ट्रंप के प्रस्ताव को लेकर विक्रम मिसरी ने कहा कि,”अभी इस प्रस्ताव का सिर्फ शुरुआती पड़ाव है. अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बात नहीं की गई है.” 

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के सामने लड़ाकू विमान एफ 35 खरीदने का प्रस्ताव रखा है. ट्रंप ने कहा, “अमेरिका भारत को अपनी सैन्य बिक्री में अरबों डॉलर की वृद्धि करेगा और उनका प्रशासन भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने में तेजी ला रहा है.” (ट्रंप ने दिया F-35 का ऑफर, मोदी से मुलाकात में बड़े रक्षा सौदों पर सहमति)

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