भारत और अमेरिका के इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त बयान को सुनकर पाकिस्तान को मिर्ची लग गई है. पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के संयुक्त बयान में पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने का मुद्दा भी शामिल था.
भारत-अमेरिका ने इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के एक्शन लिए जाने की बात कही तो पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय बौखला गया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत-अमेरिका के बयान के भ्रामक बताया है.
पाकिस्तान ने ऐसी बात कही, जिससे छूट जाएगी हंसी
पूरी दुनिया में आतंकी गतिविधियों को लेकर बदनाम है पाकिस्तान. आतंकियों को ट्रेनिंग देने और भारत में घुसपैठ कराने लिए खुद पाक सेना और आईएसआई का नाम सामने आता रहा है. ऐसे पाकिस्तान मे भारत पर आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफाकत अली खान ने कहा कि, “अमेरिका और भारत का यह बयान न सिर्फ एकतरफा बल्कि भ्रामक भी है और राजनयिक मानदंडों के खिलाफ है.”
शफाकत अली खान ने कहा कि, “इस तरह की बातों से भारत के आतंकवाद को समर्थन को छुपाया नहीं जा सकता है, पाकिस्तान हैरान है कि पाकिस्तान के बलिदानों को नजरअंदाज करते हुए उसके लिए ऐसा बयान दिया गया.”
अब भगवान जाने पाकिस्तान कौन से बलिदान की बात कह रहा है, क्या वो आतंकियों को अपना सिपाही मानता है, और उनके मारे जाने को बलिदान कह रहा है.
मिलकर खत्म करेंगे वैश्विक आतंकवाद: संयुक्त बयान
भारत और पाकिस्तान ने जो संयुक्त बयान जारी किया है, उसमें कहा गया, “पाकिस्तान को 26/11 और पठानकोट हमले के गुनहगारों को न्याय के कटघरे में लाना चाहिए. इसके साथ ही पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए न हो. आतंकवाद के वैश्विक संकट से लड़ा जाना चाहिए और दुनिया के हर कोने से आतंकवादियों के छिपने के सुरक्षित अड्डों को खत्म किया जाना चाहिए. दोनों देशों ने मुंबई के 26/11 और अफगानिस्तान में बमबारी जैसे आतंकी हमलों को रोकने के लिए अल-कायदा, आईएसआईएस, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा समेत सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ प्रतिबद्ध हैं.”
इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ हैं- डोनाल्ड ट्रंप
ट्रंप ने अपने बयान में इस्लामिक आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि “अमेरिका और भारत विश्व के लिए खतरा बन रहे कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद का सामना करने के लिए पहले की तरह मिलकर काम करते रहेंगे. इसी के तहत अमेरिका भारत को गुनहगार तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पण कर रहा है.”