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बलिदान के 77 वर्ष बाद स्मारक, नायक जदुनाथ सिंह ने छुड़ाए थे पाकिस्तान के छक्के

बंटवारे के तुरंत बाद पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाने वाले परमवीर चक्र विजेता (मरणोपरांत) नायक जदुनाथ सिंह के अतुल्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को समर्पित एक स्मारक की स्थापना उनके पैतृक गांव में की गई है.

शनिवार को भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के कमांडर (जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ) लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार ने नायक जदुनाथ सिंह (1916-1948) के उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के खजूरी गांव में इस स्मारक का उद्घाटन किया. ले.जनरल कटियार भी नायक जदुनाथ सिंह की तरह ही भारतीय सेना की राजपूत रेजिमेंट से ताल्लुक रखते हैं और कर्नल-कमांडेंट भी हैं.

नौशेरा की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना को चटाई थी धूल

नायक जदुनाथ सिंह ने 1947-48 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान असाधारण वीरता, निःस्वार्थता और अदम्य साहस का परिचय दिया था. नौशेरा की भीषण लड़ाई (6 फरवरी 1948) के दौरान नायक जदुनाथ ने मातृभूमि की संप्रभुता की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी. उनके अद्वितीय पराक्रम और अटूट समर्पण के लिए भारत सरकार ने सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र मरणोपरांत प्रदान किया था. (नौशेरा का शेर: पाकिस्तान ने रखा था इनाम)

आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा-स्रोत बनेगा स्मारक

भव्य एवं श्रद्धापूर्ण समारोह में नायक जदुनाथ सिंह के सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने कहा कि उनके अद्वितीय पराक्रम, निष्ठा और मातृभूमि के प्रति प्रेम आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा.

जनरल कटियार के मुताबिक, यह स्मारक युवा पीढ़ी को राष्ट्र सेवा के पवित्र आह्वान को अपनाने और राष्ट्र की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध रहने की प्रेरणा देता रहेगा. जनरल ने कहा कि हमें अपने वीर सैनिकों के बलिदान को सदा स्मरण रखना चाहिए.

इस गौरवशाली कार्यक्रम में ले.जनरल कटियार के अलावा, प्रख्यात सैन्य अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों की एक विशिष्ट सभा उपस्थित रही, जिनमें स्थानीय विधायक हरि शंकर वर्मा, और राजपूत रेजिमेंटल सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर एचएस संधू भी शामिल थे.