भारत में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए 21 मिलियन डॉलर की अमेरिकी फंडिंग रोके जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिक्रिया दी है. ट्रंप ने कहा है कि भारत के पास बहुत पैसा है फिर उन्हें फंडिंग की क्या जरूरत है. ट्रंप ने हालांकि, पीएम मोदी के सम्मान की बात जरूर कही.
भारत की फंडिंग रोकने पर क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति?
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए दिए जाने की फंडिंग रोकने का बचाव किया है. ट्रंप ने कहा, “भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत पैसा है. वे दुनिया में सबसे अधिक टैक्स वसूलने वाले देशों में हैं. उनके टैरिफ भी बहुत अधिक है.”
ट्रंप ने साफ कहा कि “मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर क्यों देना?” (https://x.com/ians_india/status/1891970579172892925)
एलन मस्क के डॉज ने दिया है भारत विरोधी फंडिंग रोकने का आदेश
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में सत्ता संभालने के बाद एक-एक पैसों का हिसाब रख रहे हैं उनके करीबी खरबपति एलन मस्क. 20 जनवरी से लेकर अबतक एलन मस्क ने उस मदद और फंडिंग पर रोक लगा दी है, जिन्हें वो उपयोगी नहीं मानते हैं. इसी कड़ी में अमेरिका ने भारत को मिलने वाली करोड़ों डॉलर की राशि पर रोक लगा दी है. अमेरिका, भारत को 1 अरब 82 करोड़ रुपये (21 मिलियन डॉलर) इसलिए देता था ताकि देश के चुनावों में मतदाता भागीदारी को बढ़ावा देना था. लेकिन अब ये फंडिंग भारत को नहीं मिलेगी. माना जा रहा है कि इस फंडिंग का दुरूपयोग, मोदी सरकार और भारत-विरोधी गतिविधियों में किया जाना था.
भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप: अमित मालवीय
डॉज के ऐलान के बाद बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी प्रतिक्रिया दी है. अमित मालवीय ने लिखा, “वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है. इससे किसे लाभ होता है? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ दल को नहीं! भारत के अलावा अन्य देशों के ‘वोटर टर्नआउट’ फंडिंग में भी कटौती की है.”