आईईडी ब्लास्ट में दोनों पैर गंवाने के बावजूद पूरी दुनिया के सामने बहादुरी और बेहद शांतचित प्रदर्शित करने वाले सीआरपीएफ के हेड कॉन्स्टेबल महिमा नंद शुक्ला इलाज के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए हैं. वीर महिमा नंद शुक्ला ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली.
11 फरवरी को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के जंगल में माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान एक आईईडी ब्लास्ट में महिमा नंद शुक्ला बुरी तरह घायल हो गए थे. धमाके के बाद महिमा नंद के दोनों पांव क्षत-विक्षत होकर शरीर से अलग हो गए थे.
नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में हुआ था आईईडी ब्लास्ट
सीआरपीएफ की 231 बटालियन से ताल्लुक रखने वाले महिमा नंद, ब्लास्ट के बाद साथियों के साथ हेलीकॉप्टर का इंतजार करने लगे. महिमा नंद करीब में ही एक पेड़ के नीचे पत्थरों का सिरहाना बनाकर आराम करने लगे.
महिमा नंद के शरीर के निचले हिस्से से दोनों पांव गायब थे और बाएं हाथ का पंजा भी घायल हो गया था, जिस पर उन्होंने अपना मफलर लपेट रखा था.
ब्लास्ट के बाद पेड़ के नीचे पत्थरों का सिरहाना बनाकर किया हेलीकॉप्टर का इंतजार
पांव गंवाने के बाद भी महिमा नंद बेहद शांति-भाव से जंगल में ही इंतजार करते रहे. उनकी चेहरे पर जरा भी डर, खौफ या चिंता नजर नहीं आ रही थी. उसी दौरान साथी द्वारा ली गई तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई तो हर कोई महिमा नंद के दृढ़-संकल्प की दाद दिए बगैर नहीं रह पाया. (https://x.com/Paramilitryhelp/status/1889312087941247280)
हेलीकॉप्टर आने के बाद महिमा नंद को रायपुर ले जाया गया और फिर राजधानी दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया. नौ दिनों तक मौत को मात देने के बाद 20 फरवरी को आखिरकार महिमा नंद ने प्राण त्याग दिए.
सीआरपीएफ ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि, अदम्य साहस और बलिदान को किया नमन
राजधानी दिल्ली के एसडीजी कैंपस में वीर महिमा नंद के पार्थिव शरीर को सीआरपीएफ के आला-अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की.
महिमा नंद की वीरगति की खबर साझा करते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कहा कि “कर्तव्य की बलिवेदी पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले अपने शूरवीर के अदम्य साहस, शौर्य एवं मातृभूमि के प्रति समर्पण को सीआरपीएफ नमन करती है.” सीआरपीएफ ने ऐलान किया कि “हम अपने वीर के परिवार के साथ सदैव खड़े हैं.” (https://x.com/crpfindia/status/1892522343395905763)