कुछ साल पहले तक जम्मू-कश्मीर के लोगों के हाथों में होते थे पत्थर. आतंकी सोच रखने वाले अलगाववादी, बच्चों के हाथों में पत्थर थमा करा कर अशांति फैलाते थे. लेकिन पिछले 10 सालों में हालात बदले गए हैं, खास कर अनुच्छेद 370 हटने के बाद से. अब जिन हाथों में पत्थर होते थे, उन्हीं हाथों में है कलम और पुस्तकें, जिन हाथों में हथियार थमा दिए जाते थे, उन्हीं हाथों में है कंम्प्यूटर और टैबलेट.
जम्मू कश्मीर के बच्चों से बात की है गृहमंत्री अमित शाह ने. अमित शाह ने बच्चों को सिखाई है देशभक्ति. ‘वतन को जानो’ कार्यक्रम के तहत अमित शाह ने बच्चों में भरा जोश और कहा, “जम्मू-कश्मीर में शांति हो गई है और अब इस शांति को बच्चों को ही बरकरार रखना है.”
गृह मंत्री ने कहा कि “अगर जम्मू कश्मीर का हर बच्चा अपने माता पिता और मोहल्ले वालों को समझा दे कि ये पूरा देश हमारा है, दहशतगर्दों को यहां से निकालना है तो किसी पुलिस या सेना की जरूरत नहीं पड़ेगी.”
जम्मू-कश्मीर में शांति कायम रखने की जिम्मेदारी बच्चों की
गृहमंत्री अमित शाह ने वतन को जानो कार्यक्रम के जरिए जम्मू-कश्मीर के 250 बच्चों से संवाद किया है. इस दौरान अमित शाह ने कहा, “आपके वतन के 30 कमरे हैं यानी 30 राज्य हैं. आपको उन कमरों को देखना होगा, यानी राज्य की यात्रा करनी होगी, तभी देश यानी घर को जान पाओगे. ये देश आप सभी का है. मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर के बच्चों को ये विश्वास दिलाया है.”
गृह मंत्री के मुताबिक, “हमारा देश हमारा घर है. अपने घर को हमें जानना होगा. अगर पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बनना है तो पूरे देश में काम करना होगा. जम्मू कश्मीर में शांति हो ही गई है और इस शांति को अब बच्चों को ही बनाए रखना है.”
दहशतगर्दी से किसी का फायदा नहीं: अमित शाह
अमित शाह ने बच्चों से कहा, “पीएम मोदी ने धारा 370 को समाप्त कर सारे राज्यों को एक जैसा बना दिया. कश्मीर के बच्चों का देश पर उतना ही अधिकार है, जितना दिल्ली या राजस्थान के बच्चों का है. कश्मीर के साथ-साथ 29 रियासतों पर भी आपका अधिकार हो इसलिए ये कार्यक्रम चलाया गया है.”
अमित शाह ने कहा कि “जिस कश्मीर में पहले पीने का पानी नल से नहीं आता था वहां 80 फीसदी घरों में नल का पानी पहुंचा दिया गया है. दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज कश्मीर में बन गया है. पूरी दुनिया देखने यहां आएगी. एशिया की सबसे बड़ी टनल कश्मीर में है. दो एम्स अस्पताल सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही हैं. 10 साल के अंदर कश्मीर के अंदर बहुत बड़ा बदलाव हुआ है. पूरा देश कश्मीर के बच्चों को बहुत प्यार से देखता है क्योंकि कश्मीर में शांति आई है. दहशतगर्दी से किसी का फायदा नहीं है.”
जम्मू-कश्मीर का एक आदमी नहीं मरना चाहिए: अमित शाह
अमित शाह ने बच्चों को बताया, “पिछले 30 साल में कश्मीर में 38 हजार लोग मारे गए. लेकिन कश्मीर में नागरिकों की मृत्यु में 80 प्रतिशत की कमी आई है और इससे लोग खुश हैं, लेकिन असली खुशी तब होगी जब जम्मू कश्मीर के एक भी नागरिक की जान न जाए. गृह मंत्री ने कहा, कि दहशतगर्दी से जम्मू-कश्मीर के एक भी व्यक्ति की जान न जाए, ऐसा जम्मू-कश्मीर बनाना हमारा लक्ष्य है. इस सोच और इस भाव के साथ आप वापस जाएं. ये देश आप सभी का है.” (https://x.com/amitshah/status/1894053640660455563?s=46)