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रूस-यूक्रेन जंग में भारत तटस्थ, अमेरिका बदला

रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन साल पूरे होने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ पास हुए प्रस्ताव से भारत ने दूरी बनाई है. संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसमें तीन साल पहले हुए रूस के आक्रमण के बाद से सभी रूसी सैनिकों की तत्काल यूक्रेन से वापसी की मांग की गई थी. यूक्रेन के इस प्रस्ताव के पक्ष में 93 देशों ने वोटिंग की, जबकि 18 देशों ने यूक्रेन के इस प्रस्ताव का विरोध किया. भारत प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहा. खास बात ये रही कि पिछले तीन साल में पहली बार अमेरिका ने रूस के पक्ष में वोट किया.

संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ यूक्रेन का प्रस्ताव, भारत ने नहीं किया वोट

संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ एक प्रस्ताव को पारित किया गया है, जिसमें 3 साल पहले की यथास्थिति बनाने और यूक्रेन से फौरन रूसी सैनिकों को वापस लौटने को कहा गया था. यूक्रेन के इस प्रस्ताव को वोटिंग में भारत और चीन समेत 65 सदस्य देशों ने भाग नहीं लिया. साथ ही 18 देशों ने यूक्रेन के प्रस्ताव का विरोध किया तो 93 देशों के वोटिंग के बाद प्रस्ताव को पारित कर दिया गया.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने प्रस्ताव पारित होने पर कहा, यूक्रेन में जारी जंग न केवल यूरोप की शांति और सुरक्षा के लिए बल्कि संयुक्त राष्ट्र की नींव और इसके मूल सिद्धांतों के लिए भी एक गंभीर खतरा है. (https://x.com/EUatUN/status/1894064201464737831)

अमेरिकी प्रस्ताव से भी भारत रहा दूर

रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर एक और प्रस्ताव लाया गया था. अमेरिका ने एक संक्षिप्त प्रतिद्वंद्वी प्रस्ताव शांति का मार्ग (‘द पाथ ऑफ पीस’) भी पेश किया, जो रूस और यूक्रेन संघर्ष के दौरान हुई दुखद जनहानि पर शोक जताता है. अमेरिकी मसौदा प्रस्ताव को पेश करते हुए यूएन में अमेरिकी मिशन में अंतरिम प्रभारी राजदूत डोरोथी शिया ने कहा, “यह अब जंग बहुत लंबी खिंच गई है. जंग की वजह से यूक्रेन, रूस और उससे परे लोगों को भी बहुत अधिक कीमत चुकानी पड़ी है.”

अमेरिकी प्रस्ताव पर भी भारत दूर रहा. अमेरिका द्वारा प्रस्तुत इस मसौदा प्रस्ताव में कुछ संशोधन भी किए गए, जिन्हें फ्रांस ने आगे बढ़ाया, जिसमें “रूसी संघ-यूक्रेन संघर्ष” को “रूसी संघ द्वारा यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण” के रूप में बदलने की मांग की गई थी. संशोधित प्रस्ताव को 93 देशों ने समर्थन दिया, 8 देशों ने इसका विरोध किया, और 73 देशों ने मतदान नहीं किया. (https://x.com/StateDept/status/1894216243038884189)

यूरोप की शांति के लिए खतरा है युद्ध: एंटोनियो गुटेरेस

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि, यूक्रेन में जारी युद्ध न केवल यूरोप की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह संयुक्त राष्ट्र की नींव और सिद्धांतों के लिए भी एक गंभीर चुनौती है.

रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अलग-अलग मोर्चों पर काम किया जा रहा है. पिछले सप्ताह ही सऊदी अरब में अमेरिकी और रूसी अधिकारियों ने मुलाकात की, हालांकि इस बातचीत से यूक्रेन को दूर रखा गया था. (रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन साल पूरे, यूरोप ने फिर डाला आग में घी)

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