फ्रांस के दौरे पर (23-27 फरवरी) गए थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दुनिया की बड़ी एविएशन कंपनी एयरबस की मार्शेले स्थिति फैसिलिटी का दौरा किया. इस दौरान जनरल द्विवेदी ने हेलीकॉप्टर से जुड़ी कटिंग एज टेक्नोलॉजी के बारे में फर्स्ट हैंड जानकारी ली.
भारतीय सेना के मुताबिक, एयरबस फैसिलिटी में जनरल द्विवेदी को एविएशन टेक्नोलॉजी, डिफेंस सिस्टम और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के बारे में अहम जानकारी दी गई. सेना के मुताबिक, एयरबस का दौरा दिखाता है कि इंडियन आर्मी ग्लोबल, एयर स्पेस में हो रहे इनोवेशन का इस्तेमाल अपनी ऑपरेशन्ल क्षमता बढ़ाने और सैन्य तैयारियों के लिए करना चाहती है.
आर्मी एविएशन का बढ़ रहा दायरा
दरअसल, सेना की आर्मी एविएशन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. कभी लॉजिस्टिक के लिए ही हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करने वाली भारतीय सेना अब स्वदेशी एलसीएच प्रचंड और अमेरिकी अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर भी ऑपरेट कर रही है. साथ ही यूएवी का भी इस्तेमाल करती है. यही वजह है कि एयरबस फैसिलिटी में रोटरी विंग एयरक्राफ्ट से जुड़ी अहम जानकारी थलसेना प्रमुख ने हासिल की. (https://x.com/adgpi/status/1894723466395283800)
साझा युद्धाभ्यास, शक्ति पर हुई चर्चा
बुधवार को थलसेना प्रमुख ने फ्रांसीसी सेना के फोर्ट गैंटेएयूमे का भी दौरा किया. इस फोर्ट में फ्रांसीसी सेना की थर्ड डिवीजन का मुख्यालय है. यहां पर जनरल द्विवेदी ने फ्रांस की डिवीजन की भूमिका के बारे में जानकारी ली. साथ ही भारतीय सेना के साथ फ्रेंच आर्मी की आगामी साझा एक्सरसाइज शक्ति के बारे में भी विस्तृत चर्चा हुई.
शक्ति, भारत और फ्रांसीसी सेना के बीच होने वाली सालाना एक्सरसाइज है. एक्सरसाइज का उद्देश्य, दोनों देशों की सेनाओं के बीच टेक्टिकल ऑपरेशन्स में सैनर्जी और इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाना है.
यूक्रेन जंग के चलते थलसेना को मजबूत करने में जुटे यूरोपीय देश
यूक्रेन जंग के यूरोप में फैलने के भय से सभी यूरोपीय देश अपनी सेनाओं को मजबूत करने और रक्षा बजट बढ़ाने में जुटी हैं. भारतीय सेना, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी है और पिछले कई दशक से काउंटर-इनसर्जेंसी और काउंटर-टेररिज्म के साथ ही पारंपरिक युद्ध में भी बेहद निपुण हैं. यही वजह है कि यूरोपीय देश, भारतीय सेना के साथ सहयोग और सामंजस्य बढ़ाने में जुटी हैं. (https://x.com/adgpi/status/1894622702465400869)