रूस के खौफ के कारण पड़ोसी देश पोलैंड ने अपने देश में पुरुषों की आर्मी ट्रेनिंग अनिवार्य कर दी है. पोलैंड को ये डर है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस का अगला शिकार उनका देश हो सकता है.
अपने रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी करने के साथ ही पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क का मानना है कि भविष्य की किसी भी चुनौती से निपटने के लिए सशक्त होना जरूरी है. टस्क के मुताबिक, इसके लिए हर पुरुष नागरिक को सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि किसी भी युद्ध की स्थिति में पोलैंड के पास एक मजबूत रिजर्व सेना मौजूद रहे.
पोलैंड में पुरुष नागरिकों को दी जाएगी आर्मी ट्रेनिंग
पोलैंड के पीएम टस्क ने पोलैंड के सैनिकों की संख्या पांच लाख तक करना देश की जरूरत बताया है. प्रधानमंत्री टस्क ने पोलिश संसद में अपने संबोधन के दौरान कहा, “सरकार इस साल के अंत तक एक ऐसा मॉडल तैयार करना चाहती है, जिससे हर पुरुष को सैन्य प्रशिक्षण दिया जा सके. जिसके बाद वर्तमान 2 लाख सैनिकों की सेना को बढ़ाकर 5 लाख तक करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें रिजर्व सैनिक भी शामिल होंगे.” टस्क ने संसद में बताया कि यूक्रेन की सेना में 8 लाख और रूस की सेना में 13 लाख सैनिक हैं, जबकि पोलैंड की सेना अभी तक छोटी है.
पीएम टस्क ने इस बात पर भी जोर दिया कि महिलाएं भी सैन्य ट्रेनिंग ले सकती है क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अधिक सैनिकों की जरूरत है.” प्रधानमंत्री टस्क ने संसद में यह भी कहा कि रक्षा बजट को 5% तक बढ़ाने की जरूरत है.
पोलैंड में स्कूली बच्चों को दी जा रही है हथियारों की ट्रेनिंग
पोलैंड, यूरोप के सबसे सुरक्षित देशों में से एक होने के बावजूद, रूस के खतरे से डरा है. क्योंकि मास्को, यूक्रेन और उसके सहयोगियों के खिलाफ अपने युद्ध को आगे बढ़ा रहा है, इसलिए सरकार ने अप्रत्याशित घटनाओं के लिए तैयार रहने के लिए छात्रों को पिछले साल से ही शस्त्र प्रशिक्षण दे रही है. पोलैंड प्रशासन के मुताबिक, प्राइमरी स्कूल के छात्रों को हथियार चलाने में एक्सपर्ट बनाया जा रहा है. पोलैंड सरकार पूरे देश में करीब 18 हजार स्कूलों में सेफ्टी ट्रेनिंग के मकसद से बंदूक समेत तमाम उपकरण मुहैया करवाया है. बताया जा रहा है कि ट्रेनिंग में जिंदा कारतूस की जगह लेजर का इस्तेमाल किया जा रहा है जो हरी रंग की लाइट के जरिए टारगेट हिट होने का संकेत देती है.
पोलैंड में शिक्षा सुरक्षा कक्षाएं साल 2023-2024 और 2024-2025 स्कूल वर्षों में शुरू की गई हैं. इस ट्रेनिंग में छात्र लाइव गोला-बारूद के साथ नहीं बल्कि बॉल गन, एयर गन, छोटे हथियारों की प्रतिकृतियों और लेजर के साथ वर्चुअल या शूटिंग गन के साथ प्रशिक्षण लेते हैं, जहां हरी बत्ती एक सफल हिट का संकेत देती है. पोलैंड के प्राइमरी स्कूलों में 13 से 14 साल के बच्चे प्रिंसिपल की देखरेख में हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. (https://x.com/Channel4News/status/1898064161453551726)
रूस के साथ बढ़ी अमेरिका की नजदीकी, टेंशन में पोलैंड
पोलैंड रूस का पड़ोसी देश है. रूस से अच्छे संबंध नहीं हैं, यूक्रेन की मदद करने के कारण रूस वैसे ही पोलैंड से खार खाए बैठा है. पोलैंड को डर है कि यूक्रेन के बाद रूस उस पर हमला कर सकता है क्योंकि रूस ने नाटो देशों को अंजाम भुगतने की धमकी दी है लिहाजा पोलैंड के पीएम अपने देश में बंकरों का निर्माण करवा रहे हैं, ताकि युद्ध की स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित किया जा सके.
पोलैंड, अमेरिका से 20 अरब डॉलर के हथियारों की खरीद कर रहा है, जिसमें 250 एम1ए2 अब्राम्स टैंक, 32 एफ-35 लड़ाकू विमान, 96 अपाचे हेलीकॉप्टर और अन्य हथियार शामिल हैं. इसके अलावा, पोलैंड दक्षिण कोरिया से के2 टैंक और एफए-50 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट भी खरीद रहा है, ताकि देश सशक्त दिखे.
50 करोड़ यूरोप की जनता, 14 करोड़ रशियन के खिलाफ 30 करोड़ अमेरिकियों से गुहार लगा रही: पोलैंड
हाल ही में पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने यूरोप के देशों में भी जोश भरा था. टस्क ने कहा था, “यूक्रेन के साथ यूरोपीय देशों की सेना में 2.6 मिलियन सैनिक हैं, जबकि अमेरिका के पास 1.3 मिलियन, चीन के पास 2 मिलियन और रूस के पास 1.1 मिलियन सैनिक हैं. यूरोप अगर गिनना जानता है तो उसे खुद पर भरोसा करना चाहिए.”
पीएम टस्क ने कहा है, “यूरोप में सिर्फ कल्पना और साहस की कमी है. यह एक विरोधाभास है कि 50 करोड़ यूरोप की जनता 30 करोड़ अमेरिकियों से गुहार लगा रही है कि वे 14 करोड़ रशियन से उनकी रक्षा करें. वाशिंगटन को दुविधा बताते हुए टस्क ने कहा, हमें इस दुविधा से उबरना होगा.”