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पाकिस्तान परस्त जनरल निगरानी में, बांग्लादेश में कुछ बड़ा होने वाला है?

समय-समय पर भारत की तारीफ करने वाले और बांग्लादेश में तख्तापलट के दौरान शेख हसीना और उनकी बहन को सुरक्षित ढाका से निकालने वाली आर्मी चीफ वकार उज जमां के तख्तापलट की साजिश का खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि आर्मी चीफ के खिलाफ पाकिस्तान परस्त सेना के लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान बगावत की तैयारी कर रहे थे.

खबर है कि जनरल रहमान, बांग्लादेश के आर्मी चीफ की हर एक मीटिंग और प्लानिंग की जानकारी पाकिस्तान से साझा कर रहे थे. इस खुलासे के बाद बांग्लादेश आर्मी चीफ के आदेश पर लेफ्टिनेंट जनरल रहमान को बांग्लादेश की मिलिट्री इंटेलिजेंस एजेंसी, डीजीएफआई की निगरानी में रखा गया है. 

खुफिया निगरानी में बांग्लादेश के लेफ्टिनेंट जनरल, लगे गंभीर आरोप

बांग्लादेश में राजनीतिक हलचल के बीच बड़ी सैन्य उथल पुथल देखने को मिल सकती है. वो इसलिए क्योंकि पाकिस्तान की शह पर बांग्लादेश की आर्मी के क्वार्टर मास्टर जनरल (क्यूएमजी) लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान, मौजूदा आर्मी चीफ को हटाने की फिराक में हैं. फैजुर रहमान को बांग्लादेश में पाकिस्तान का पसंदीदा मोहरा माना जाता है, जबकि मौजूदा आर्मी चीफ सख्त है और भारत के साथ अच्छे रिश्ते की पैरवी भी कर चुके हैं. ऐसे में पाकिस्तान चाहता है कि वकार उज जमां का तख्तापलट कर दिया जाए. इसके लिए बाकायदा लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान ने बगावत की प्लानिंग की.

फैजुर रहमान ने पाकिस्तानी राजनयिकों से की थी मुलाकात, सैन्य अधिकारियों की बुलाई बड़ी बैठक

इस साल की शुरुआत में जनवरी के आसपास फैजुर रहमान ने जमात के नेताओं और पाकिस्तानी राजनयिकों से मुलाकात भी की थी. बांग्लादेश आर्मी चीफ को उनकी इन मीटिंग्स के बारे में जानकारी दी गई थी. इसके अलावा मार्च के पहले हफ्ते में एक बैठक भी बुलाई थी. लेकिन जनरल वकार को हटाने के समर्थन में वरिष्ठ अधिकारी गायब रहे. लेकिन इन अधिकारियों ने सेना प्रमुख वकार उज जमां के ऑफिस को लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान के बैठक और प्लानिंग की सूचना दे दी. जिसके बाद आर्मी चीफ ने एक्शन लेते हुए लेफ्टिनेंट जनरल रहमान को बांग्लादेश की सैन्य खुफिया डीजीएफआई की निगरानी में रखने के आदेश दे दिए.

आईएसआई चीफ से मुलाकात की थी फैजुर रहमान ने

हाल ही में ये खबर आई थी कि फैजुर रहमान ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक से मुलाकात की थी. खबर तो ये भी थी कि इस मीटिंग में भारत का मोस्ट वांटेड और उग्रवादी सगंठन उल्फा का चीफ परेश बरूआ भी शामिल हुआ था. हालांकि, इस घटना की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी. लेकिन अब फैजुर रहमान के निगरानी में रखे जाने से आईएसआई और उल्फा के साथ मीटिंग की बात पुख्ता हो रही है.

आर्मी चीफ के खिलाफ बगावत में कौन-कौन अधिकारी शामिल?

बताया जा रहा है कि आर्मी चीफ वकार उज जमां के खिलाफ बुलाई गई फैजुर रहमान की बैठक में कई अधिकारियों का समर्थन मिला. फैजुर रहमान खुद आर्मी चीफ बनना चाहते थे ताकि पाकिस्तान के इशारे पर भारत के खिलाफ नापाक साजिशें रच सके. इसके अलावा 10 जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) के नाम सामने आए हैं. इनमें मेजर जनरल मीर मुशफिकुर रहमान शामिल हैं, जो मौजूदा समय में 24वीं इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी और चटगांव के एरिया कमांडर हैं. मीर मुशफिकुर लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर जाना चाहते हैं.

अंतरिम सरकार की आंखों का काटा बने वकार उज जमां 

बांग्लादेश में बढ़ती अराजकता और अस्थिरता के बीच आर्मी चीफ जनरल वकार उज जमां ने हाल ही में अंतरिम सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि राजनेता आपसी झगड़ों और टकराव से बचें, नहीं तो ये संघर्ष देश के लिए खतरा बन जाएगा.

बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने माना कि “देश (बांग्लादेश) इस वक्त अराजकता के दौर से गुजर रहा है, अभी भी हालात नहीं संभले तो अपराधी फायदा उठा सकते हैं. वकार उज जमां ने कहा था कि, इस अराजकता के पीछे कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण यह है कि हम खुद आपस में लड़ रहे हैं. हम एक-दूसरे के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं. नेताओं के बीच टकराव है, जो देश की संप्रभुता के लिए खतरा है.”

आर्मी चीफ ने यहां तक कह दिया था कि “मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं. बाद में यह मत कहिएगा कि मैंने आगाह नहीं किया था.”

भारत से संबंध सुधारने की पैरवी करते हैं आर्मी चीफ

बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष जनरल वकार उज जमां ने इस साल की शुरुआत में भारत को महत्वपूर्ण पड़ोसी बताया था. जनरल वकार ने कहा था, “ढाका कई मायनों में दिल्ली पर निर्भर करता है. बांग्लादेश को समानता के आधार पर अच्छे संबंध बनाए रखने होंगे. हमारे संबंध निष्पक्षता पर आधारित होने चाहिए, अगर कोई देश किसी से लाभ प्रदान करता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है. अगर हम अपना लाभ उठाना चाहते हैं तो दोषी भी हम ही हैं. हमें इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए. हमें समानता के आधार पर अच्छे संबंध बनाने चाहिए. हम भारत के खिलाफ नहीं जा सकते.”

बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने बेबाकी से कहा था कि “बांग्लादेश ऐसा कुछ नहीं करेगा जो भारत के रणनीतिक हितों के खिलाफ हो. भारत और बांग्लादेश दोनों अपने हितों का समान महत्व के साथ ख्याल रखेंगे. यानी जब हम उनके हितों का ध्यान रखेंगे तो वे भी हमारे हितों का समान ध्यान रखेंगे.”

हाल ही में जनरल जमां और भारतीय सेनाध्यक्ष उपेन्द्र द्विवेदी के बीच भी वर्चुअली बैठक भी हुई थी.

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