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भारत की आर्थिक तरक्की, फायदा मॉरीशस को भी होगा

भारत और मॉरीशस सिर्फ इतिहास से ही नहीं जुड़े हैं, हम भविष्य की संभावनाओं से भी जुड़े हुए हैं. भारत जिन भी सेक्टर में तेज़ी से तरक्की कर रहा है, उनमें मॉरीशस को भी ग्रो करने में सहयोग कर रहा है.

—–प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि भारत जब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा है तो उसका फायदा मॉरीशस को भी मिलेगा. पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस के दौरे पर हैं. बुधवार को मोदी, मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हो रहे हैं.

मंगलवार को पीएम मोदी का पूरा दिन, भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने से बीता. मॉरीशस के राष्ट्रपति के लिए पीएम मोदी महाकुंभ का जल और फर्स्ट लेडी के लिए बनारसी साड़ी लेकर पहुंचे तो स्थानीय जनता को बिहार के मखाने की सौगात और होली की फुहार के शुभकामनाएं दी. स्थानीय महिलाओं ने पीएम मोदी का स्वागत ‘गीत गवई’ (लोकगीत) के जरिए किया तो प्रधानमंत्री ने भी भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भोजपुरी गीतों को अपने भाषण का हिस्सा बनाया. (https://x.com/narendramodi/status/1899360772100092156)

भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा कि “मॉरीशस की मेट्रो, इलेक्ट्रिक बसें, सोलर पावर प्रोजेक्ट, यूपीआई और रूपये-कार्ड जैसी आधुनिक सुविधाएं, नई पार्लियामेंट बिल्डिंग, भारत, मित्र भावना से मॉरीशस को सहयोग कर रहा है.”

सागर पॉलिसी में मॉरीशस की भी है हिस्सेदारी, भारत मानता है अपना परिवार

मोदी ने कहा कि “आज भारत, दुनिया की पांचवें नंबर की आर्थिक ताकत है. बहुत जल्द भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है. भारत हमेशा चाहता है कि भारत की ग्रोथ से मॉरीशस को भी पूरा फायदा मिले.” मॉरीशस में मोदी ने भारत की सागर यानी ‘सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन रीजन’ पॉलिसी का भी जिक्र किया. मोदी ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में मॉरीशस, भारत का अहम साझेदार ही नहीं बल्कि एक परिवार है.

खास बात ये है कि मॉरीशस की 66 प्रतिशत जनता भारतीय मूल की है और करीब 50 प्रतिशत लोग भोजपुरी भाषा में बातचीत करती है. ब्रिटिश काल में, बड़ी संख्या में अंग्रेज पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से लोगों को गुलाम बनाकर मॉरीशस ले गए थे. आज उन्हीं गुलामों के वंशज, मॉरीशस में राज करते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिली तो हमने मॉरीशस को स्पेशल इनवाइटी के रूप में शामिल किया था. भारत में हुई समिट में ही, पहली बार अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया. सालों से ये मांग चल रही थी, लेकिन ये पूरी तब हुई, जब भारत को जी-20 की प्रेसीडेंसी मिली. (https://x.com/narendramodi/status/1899493417224442288)

पीएम ने मॉरीशस में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का जिक्र करते हुए बताया कि उन्हें भी 1998 में यहां आकर शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ था. (https://x.com/narendramodi/status/1899492785369272598)

मॉरीशस के प्रधानमंत्री पूरे कैबिनेट के साथ मोदी का स्वागत करने पहुंचे एयरपोर्ट

प्रधानमंत्री मोदी के पोर्ट लुइस एयरपोर्ट पहुंचने पर खुद प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने अपने पूरे कैबिनट के साथ स्वागत किया.

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति धरमबीर गोखूल और उनकी पत्नी वृंदा गोखूल को ओसीआई कार्ड सौंपे. प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के सहयोग से स्थापित स्टेट हाउस में आयुर्वेद गार्डन का भी दौरा किया. मोदी ने कहा कि आयुर्वेद सहित पारंपरिक चिकित्सा के लाभों को आगे बढ़ाने में मॉरीशस भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है.

प्रधानमंत्री मोदी ने सर शिवसागर रामगुलाम वनस्पति उद्यान, पैम्पलमाउसेस में सर शिवसागर रामगुलाम और सर अनिरुद्ध जगन्नाथ की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. पुष्पांजलि समारोह में प्रधानमंत्री के साथ मॉरीशस के समकक्ष नवीनचंद्र रामगुलाम भी मौजूद थे. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने मॉरीशस की प्रगति और भारत-मॉरीशस संबंधों के लिए एक मजबूत नींव बनाने में दोनों नेताओं की अमिट विरासत को याद किया.

पुष्पांजलि समारोह के बाद, प्रधानमंत्री मोदी और रामगुलाम ने ऐतिहासिक उद्यान में “एक पेड़ माँ के नाम” पहल के तहत एक पेड़ लगाया. राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन किया.

बुधवार को मॉरीशस के नेशनल डे में मोदी हैं मुख्य अतिथि

प्रधानमंत्री 12 मार्च को मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे. खास बात ये है कि पीएम मोदी के पहुंचने से पहले, भारतीय नौसेना का आईएनएस इंफाल युद्धपोत भी मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस पहुंच गया है.