अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध-विराम की कोशिशों के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक तस्वीर ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है. पिछले तीन साल में पहली बार पुतिन की आर्मी यूनिफॉर्म में कोई तस्वीर सामने आई है. ये तस्वीर, कुर्स्क प्रांत की एक मिलिट्री कमांड पोस्ट की है, जिसका पुतिन ने जंग के बीच दौरा किया है.
कुर्स्क के 86 प्रतिशत इलाके पर फिर से किया रूस ने कब्जा
पुतिन की ये तस्वीर ऐसे समय में आई है जब, कुर्स्क के करीब 1100 स्क्वायर किलोमीटर यानी 86 प्रतिशत इलाके को रूसी सेना ने फिर से कब्जा करने का दावा किया है.
क्रेमलिन के मुताबिक, बुधवार को पुतिन ने कुर्स्क की एक कमांड पोस्ट का दौरा किया. इस दौरान रूसी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ, वालेरी गेरासिमोव भी मौजूद थे. 24 फरवरी 2022 के बाद पहली बार पुतिन ने जंग के मैदान का दौरा किया है और कैमोफ्लाज (फौजी वर्दी) पहनी है.
यूक्रेन पर हमला करने से पहले यानी स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन शुरू करने से पहले, हालांकि पुतिन ने रूसी सेना के फील्ड एरिया में एक्सरसाइज इत्यादि के दौरान जरूर आर्मी यूनिफॉर्म पहनी थी. यहां तक की पिछले साल मारियूपोल (डोनबास) के दौरे के दौरान भी पुतिन ने टाई-सूट पहन रखा था. (https://x.com/GabeZZOZZ/status/1899902129311031356)
अगस्त 2024 में यूक्रेनी सेना ने कर लिया था कुर्स्क के 1300 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा
पिछले सात महीने से रूसी सेना कुर्स्क प्रांत को यूक्रेनी सेना से खाली कराने के लिए जंग लड़ रही थी. अगस्त 2024 में यूक्रेनी सेना ने रूस के कुर्स्क प्रांत पर हमला कर करीब 1300 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर कब्जा कर लिया था. यहां तक की सुडझा इंडस्ट्रियल टाउन पर भी यूक्रेनी सैनिकों को कब्जा था. बड़ी संख्या में रूसी नागरिकों को बेघर होना पड़ा था.
कुर्स्क से यूक्रेनी सेना को खदेड़ने के लिए पुतिन की सेना को उत्तर कोरिया की सेना की भी मदद लेनी पड़ी थी. हालांकि, क्रेमलिन ने आधिकारिक तौर से इस बात को कभी स्वीकार नहीं किया है.
पुतिन ने दिया यूक्रेनी बॉर्डर पर बफर जोन बनाने का आदेश
रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, कमांड पोस्ट के दौरे के दौरान पुतिन ने अपनी सेना को कुर्स्क से पूरी तरह यूक्रेनी सेना को खदेड़ने और बॉर्डर पर बफर सिक्योरिटी जोन बनाने का आदेश दिया है. कुर्स्क से सटा यूक्रेन का सुमी प्रांत है.
पुतिन ने यूक्रेनी सेना की तरफ से लड़ रहे विदेशी लड़ाकों से भी सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है और कहा है कि ऐसे सैनिकों को जिनेवा कन्वेंशन के तहत युद्धबंदी नहीं माना जाएगा.
कुर्स्क में मारे गए यूक्रेन के 66 हजार सैनिक: रूसी रक्षा मंत्रालय
रूसी रक्षा मंत्रालय का दावा है कि पिछले सात महीने में कुर्स्क की लड़ाई में यूक्रेन के करीब 66 हजार सैनिक मारे गए हैं और 7000 मिलिट्री हार्डवेयर (टैंक, आर्मर्ड व्हीकल्स, रॉकेट लॉन्चर इत्यादि) का तबाह किया गया है. सुडझा शहर को छुड़ाने के लिए 600 रूसी सैनिकों ने गैस पाइपलाइन के जरिए 15 किलोमीटर लंबे एक बेहद ही जोखिम भरे मिशन को भी अंजाम दिया. (गैस पाइप-लाइन में 800 सैनिकों का 10 किलोमीटर का मूवमेंट, यूक्रेनी खेमे में मचा हड़कंप)
अमेरिकी डेलीगेशन मॉस्को में
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सीजफायर के लिए मनाने के अमेरिकी अधिकारी मॉस्को की यात्रा पर हैं. इस बात की पुष्टि खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की है.
यूक्रेन के पक्ष से सीजफायर को हरी झंडी मिलने के बाद ट्रंप ने रूस को धमकाया भी है. ट्रंप ने साफ तौर से कहा है कि “अगर रूस नहीं मानेगा, तो नतीजे बहुत बुरे होंगे. अगर रूस बातचीत के लिए तैयार नहीं हुआ तो अमेरिका ऐसे कदम उठा सकता है, जो रूस के लिए बहुत खराब होगा.”
जेलेंस्की की हां के बाद ट्रंप ने पुतिन को फिर धमकाया
व्हाइट हाउस में आयरिश प्रधानमंत्री माइकल मार्टिन से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर बातचीत की है. ट्रंप ने एक सवाल के जवाब में बताया कि “अमेरिका के अधिकारी इस वक्त रूस की यात्रा कर रहे हैं और वहां शांति वार्ता को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. युद्ध के कारण हुए विनाश और मासूम लोगों की मौत को देखते हुए युद्ध समाप्त करना बहुत आवश्यक है.”
ट्रंप ने रूस के साथ पहले के अमेरिकी राष्ट्रपतियों की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि “जो मैंने रूस के खिलाफ किया था, वह अब तक की सबसे कठिन कार्रवाई थी. बराक ओबामा और जॉर्ज बुश ने रूस को बहुत कुछ दिया और ‘स्लीपी जो बाइडेन’ के कार्यकाल में वे पूरा देश हथियाना चाहते थे. लेकिन मैंने इसे रोक दिया. अमेरिका के पास रूस को वित्तीय रूप से बर्बाद करने के कई तरीके हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं करना चाहते क्योंकि उनका उद्देश्य शांति स्थापित करना है.”
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अगर रूस ने बातचीत का रास्ता नहीं अपनाया तो अमेरिका ऐसे कदम उठा सकता है जो उसके लिए ‘बेहद बुरे’ साबित होंगे.
हम अमेरिकी प्रस्ताव की विस्तृत जानकारी का इंतजार कर रहे: क्रेमलिन
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के दफ्तर क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “युद्धविराम पर प्रतिक्रिया देने के सवाल से “आगे बढ़ना” अहम नहीं है, जिसका प्रस्ताव वाशिंगटन ने रखा है. मास्को अमेरिका से ‘विस्तृत जानकारी’ का इंतजार कर रहा है और सुझाव दिया कि रूस को कोई रुख अपनाने से पहले यह जानकारी मिलनी चाहिए. क्रेमलिन ने पहले भी युद्ध के स्थायी अंत से कम किसी भी चीज का विरोध किया है और किसी भी रियायत को स्वीकार करने से मना कर दिया है.”
रूस पर दबाव बनाने के लिए यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई
यूक्रेन को एक बार फिर से अमेरिकी मदद मिलनी शुरु हो गई है. इंटेलिजेंस इनपुट पर लगी रोक ट्रंप प्रशासन ने हटाई है तो यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों की सप्लाई भी की गई है. पिछले दो दिनों में रूस लगातार यूक्रेन पर अटैक कर रहा है, जिसके बाद ट्रंप प्रशासन की ओर से रूस के आक्रमण के खिलाफ कीव की लड़ाई में सैन्य सहायता पर लगाई रोक हटा दी है. माना जा रहा है कि यूक्रेन को मदद देकर ट्रंप प्रशासन रूस के साथ बातचीत से पहले दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है, ताकि किसी भी तरह से रूस को बातचीत के मेज पर लाया जा सके.
माना जा रहा है कि अमेरिका प्रतिनिधिमंडल की रूस यात्रा से बहुत कुछ साफ हो सकता है, कि युद्ध किस ओर जाएगा. थमेगा या अभी और भीषण होगा?