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भारत-बांग्लादेश साझा समुद्री युद्धाभ्यास, यूनुस सरकार की तल्खी दरकिनार

शेख हसीना के तख्तापलट और यूनुस सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत के बांग्लादेश के साथ राजनीतिक संबंधों में जरूर कड़वाहट आ गई है, लेकिन रक्षा क्षेत्र में सहयोग जारी है. यही वजह है कि इस हफ्ते भारतीय नौसेना ने बांग्लादेशी नौसेना के साथ साझा युद्धाभ्यास बोंगोसागर-2025 किया और साथ ही बंगाल की खाड़ी में कोर्डिनिडेट-पेट्रोल में हिस्सा लिया.

बोंगोसागर मेरीटाइम एक्सरसाइज में भारतीय नौसेना की ओर से आईएनएस रणवीर और बांग्लादेश की नौसेना की तरफ से बीएनएस अबू उबैदा ने भाग लिया.

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, इस अभ्यास से दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी सहभागिता व युद्धक क्षमता बढ़ी है और साझा समुद्री सुरक्षा चुनौतियों के लिए सहयोगात्मक प्रतिक्रिया में आवश्यक प्रगति हुई है.

इस अभ्यास की प्रमुख गतिविधियों में सतह पर गोलीबारी, सामरिक युद्धाभ्यास, प्रक्रियागत पुनःपूर्ति कार्रवाई, विजिट-बोर्ड-सर्च-सीजर (वीबीएसएस) क्रॉस बोर्डिंग, संचार अभ्यास सहित कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन शामिल थे.

इस अभ्यास ने दोनों देशों की नौसेनाओं को निर्बाध समुद्री संचालन हेतु सामरिक योजना, समन्वय और सूचना साझाकरण में घनिष्ठ संबंध विकसित करने का अवसर प्रदान किया. इस अभ्यास से दोनों नौसेनाओं के बीच समन्वय एवं आत्मविश्वास का विस्तार हुआ है, जिससे साझा नौसैन्य संचालन व समुद्री खतरों के खिलाफ तेजी से और प्रभावी ढंग से सामना करने की क्षमता में सुधार हुआ है.

दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच नौसैन्य संचालन में बढ़ा हुआ तालमेल, वास्तव में इस क्षेत्र के लिए सुरक्षा और स्थिरता के प्रति वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने की साझा प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो भारत की समुद्र में सभी की सुरक्षा एवं विकास (सागर) पहल को बढ़ावा देता है.

पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना राजधानी ढाका छोड़कर भारत आ गई थी. तभी से शेख हसीना ने राजधानी दिल्ली में शरण ले रखी है. इस बात से बांग्लादेश की अंतरिम (यूनुस) सरकार नाराज है. भारत से खफा बांग्लादेश की सरकार ने पाकिस्तान से हाथ मिला लिया है ताकि भारत-विरोधी गतिविधियों का अंजाम दिया जा सके.

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