संयुक्त राष्ट्र शांति (यूएन पीसकीपिंग) मिशन के दौरान मुश्किल टेरेन में तेजी से ऑपरेशन करने के लिए भारतीय सेना बेहद खास ऑल टेरेन व्हीकल (एटीवी) इस्तेमाल करने जा रही है. इन एटीवी व्हीकल्स को जेएसडब्लू (जिंदल) ग्रुप ने यूक्रेन की एक कंपनी ने के साथ मिलकर देश में तैयार किया है.
भारतीय सेना के मुताबिक, इस शेरप-एटीवी को यूएन मिशन के दौरान अफ्रीकी देश, साउथ सूडान में तैनात किया जाएगा. सेना ने इस एटीवी को कपिध्वज का नाम दिया गया है. महाभारत के दौरान कुरुक्षेत्र (रणभूमि) में अर्जुन और कृष्ण के रथ पर लगे ध्वज को कपिध्वज नाम दिया गया था.
गणतंत्र दिवस परेड में दिखाए दिए थे सेना के एटीवी
अर्जुन के रथ पर लगे भगवा ध्वज पर हनुमान जी का चिन्ह था और उसे ‘कपिध्वज’ नाम दिया गया था.
इस साल गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना ने कर्तव्य पथ पर इन कपिध्वज एटीवी सहित कई स्पेशल मोबिलिटी व्हीकल्स को प्रदर्शित किया था. (कर्तव्य पथ पर सेना के नंदीघोष चेतक ऐरावत)
साउथ सूडान की विषम परिस्थितियों में जरूरत है ऑल टेरेन व्हीकल
भारतीय सेना के मुताबिक, इन शेरप-एटीवी को साउथ सूडान के चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के लिए बनाया गया है, क्योंकि इनमें एम्फीबियस-क्षमता भी हैं. इन एटीवी को नदी-नालों और दल-दल वाले इलाकों में भी चलाया जा सकता है.
सेना के मुताबिक, ये शेरप-एटीवी फोर्स मल्टीप्लाइंग व्हीकल हैं जिनसे किसी भी परिस्थिति में तेजी से जवाबी कार्रवाई की जा सकती है. इन व्हीकल्स से यूएन शांति सेना की ऑपरेशन्ल रीच काफी बढ़ जाएगी.
इन मेक इन इंडिया एटीवी के जरिए भारत की स्वदेशी सैन्य क्षमताओं को ग्लोबल स्टेज पर प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होगा. साथ ही अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में भारत के योगदान को भी दिखाता है.
पिछले डेढ़ दशक से गृह युद्ध से ग्रस्त अफ्रीकी देश साउथ सूडान में भारतीय सेना यूएन पीसकीपिंग फोर्सेज का हिस्सा है. यूनाइटेड नेशन्स मिशन इन साउथ सूडान (यूएनएमआईएसएस) का मुख्य चार्टर साउथ सूडान में शांति स्थापित करना और स्थानीय समूहों में सहयोग और सामंजस्य बढ़ाना है.