पिछले तीन (03) महीने में पाकिस्तान ने दूसरी बार की है हमास आतंकियों की मेहमानवाजी. भारत और हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के भाषण ने आतंकियों को तो शह दी कि अब लश्कर और जैश के आतंकी हमास आतंकियों के साथ मिलकर एक बड़ी साजिश में जुट गए हैं.
लश्कर और जैश के आतंकियों की भारतीय सेना के आगे शामत आई तो जिहाद फैलाने में नाकाम रहे ये आतंकी संगठन पीओके में भारत के खिलाफ नफरती भाषण दे रहे हैं और कश्मीर में आतंक फैलाने के सपने देख रहे हैं.
बहावलपुर में हमास आतंकियों संग दिखे पाकिस्तानी आतंकी
हाल ही में हमास की टॉप लीडरशिप को पाकिस्तान के बहावलपुर में देखा गया. बहावलपुर में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के हेडक्वार्टर में हमास के नेताओं के काफिले को देखा गया है. इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें लिमोजिन गाड़ी में हमास आतंकी हैं, तो जैश और हमास के आतंकी उनका स्वागत किसी राजा महाराजा की तरह कर रहे हैं. वीडियो में काफिले की अगुवाई, घोड़े पर चढ़े जैश के आतंकी कर रहे हैं. काफिले में हमास का झंडा भी दिखाई देता है. (https://x.com/FinalAssault23/status/1913997099005591853)
बालाकोट एयरस्ट्राइक से मिली चोट, जैश को हमास का सहारा
कश्मीर में आतंकी हमलों के बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी. आतंकियों के कैंप पूरी तरह से बर्बाद हो गए. भारत के तगड़े एक्शन के सदमे से जैश ए मोहम्मद आज भी नहीं उबर पाया है. कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद से आतंकी घटनाओं में भी भारी कमी आई है. कश्मीर के लोग भी जो कभी आतंकियों को शेल्टर देते थे, हाथों में बंदूक और पत्थर थामते थे, वो भी विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं. ऐसे में जैश के आतंकी अपने घुसपैठ करने वाले कमांडर्स को एक के बाद एक खो रहे हैं. लेकिन आईएसआई और पाकिस्तानी सेना की मदद से एक बार फिर से खड़े होने के लिए जैश अब हमास से उम्मीद लगाए बैठा है. वहीं पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर के भाषण ने भी जैश को भड़काने का काम किया बै.
कश्मीर तो छोड़िए जनाब, पाकिस्तान में मारे जा रहे हैं जैश-लश्कर के आतंकी
पाकिस्तान में जैश और लश्कर ए तैयबा के कमांडरों की एक के बाद एक टारगेट किलिंग से आतंकी सहमे हुए हैं. भारत के वांटेड और मोस्टवांटेड आतंकियों को एक अनजान शूटर मार गिराने में जुटा हुआ है, जिसके आगे आईएसआई भी पस्त है. यही वजह है कि पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाली आतंकी संगठन हमास से मदद लेने की तैयारी कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि जैश और लश्कर आतंकी हमास से गुरिल्ला युद्धनीति सीख रहे हैं ताकि कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जा सके.
फरवरी के महीने में भी एलओसी के करीब पहुंचे थे हमास के नेता
पिछले तीन महीने में ये दूसरी बार ऐसा हुआ है जब हमास से जुड़े नेता पाकिस्तान पहुंचे हैं इसी साल फरवरी में कश्मीर दिवस (5 फरवरी) के मौके पर भी पाकिस्तान के जिहादी संगठनों ने हमास के नेताओं को पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) के रावलकोट में आयोजित एक जलसे में आमंत्रित किया था. रावलकोट स्थित शब्बीर स्टेडियम में जैश और लश्कर के टॉप कमांडर के साथ, तेहरान (ईरान) स्थित फिलिस्तीन इस्लामिक रजिस्टेंस मूवमेंट (हमास) के प्रतिनिधि डॉक्टर खालिद काद्दुमी को खास न्योता दिया गया था. आतंकी संगठनों के इस जलसे में जैश ए मोहम्मद के संस्थापक कमांडर मसूद अजहर का भाई तलहा सैफ, जैश का लॉन्चिंग कमांडर असगर खान कश्मीरी, रीजनल कमांडर मसूद इल्यास शामिल हुए थे. लश्कर ए तैयबा से जुड़े आतंकी कमांडर ने भी इस कार्यक्रम को संबोधित किया था. एलओसी (नियंत्रण रेखा) से रावलकोट की दूरी महज 50 किलोमीटर है. 5 फरवरी को रावलकोट स्टेडियम के मंच पर एके-47 लिए आतंकी पहरा दे रहे थे. पाकिस्तानी पुलिस का दूर-दूर तक नामो-निशान नहीं था. स्टेडियम में गिने-चुने लोग ही सुनने के लिए पहुंचे थे. भीड़ में पीओके और हमास के झंडे भी दिखाई दिए थे. सम्मेलन में जैश और लश्कर के आतंकियों ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ आग उगली थी और कश्मीर का आजादी का रोना रोया था.
भारतीय सेना और सुरक्षाबल हाईअलर्ट
भारतीय सेना को आतंकियों की गुपचुप बैठक को लेकर हाईअलर्ट है. एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर पर सुरक्षा और चौकस कर दी गई है. जम्मू कश्मीर पुलिस भी संदिग्धों पर नजर रख रही है. भारत की आतंकियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति है. ये तो तय है कि भारत आतंकियों को चाहे जम्मू-कश्मीर हो या फिर देश को कोई और शहर आतंकियों और उनके मोहरों को सिर उठाने की इजाजत नहीं देगा. (पीओके में आतंकियों का मजमा, भारत हाईअलर्ट)