पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर ने एक बार फिर से आतंकियों और जिहादियों की तरह बात की है. असीम मुनीर ने एक बार फिर से कहा है कि हिंदू और मुसलमान दो अलग-अलग धर्म हैं और दोनों साथ नहीं रह सकते. पहलगाम नरसंहार के बाद भारत-पाकिस्तान में बने युद्ध जैसे हालात के बीच असीम मुनीर ने आग में घी डालने का काम किया है. हिंदू-मुसलमान की बात करके आतंकियों और उनके आकाओं को ग्रीन सिग्नल दे दिया है.
हिंदु-मुसलमानों की सोच अलग, आकांक्षाएं अलग, परंपराएं अलग, भारत-पाकिस्तान दो अलग-अलग देश:असीम मुनीर
असीम मुनीर ने टू नेशन थ्योरी और हिंदू-मुसलमान के नाम पर जहर उगला है. पाकिस्तान सेनाध्यक्ष जनरल मुनीर ने शनिवार को एक बार फिर से हिंदू-मुसलमान के नाम पर आतंकियों और पाकिस्तानी लोगों को भड़काने की बात कही है. एक कार्यक्रम में कहा, मुसलमान, हिंदुओं से हर तरह से अलग हैं. चाहे वह धर्म हो, रीति-रिवाज हों, परंपराएं हों, सोच हो या फिर आकांक्षाएं. सभी मामलों में दोनों अलग तरह से सोचते हैं. दो-राष्ट्र सिद्धांत (भारत का बंटवारा) इसी बुनियादी विश्वास पर आधारित था कि मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग धर्म हैं. असीम मुनीर ने एक बार फिर से भड़काते हुए कहा, पाकिस्तान को बनाने के लिए पूर्वजों ने बहुत बलिदान दिए हैं और उनकी सेना देश की रक्षा के लिए किसी भी कुर्बानी से पीछे नहीं हटेगी.
विदेशी चीज कैसे हो सकती है पाकिस्तान के गले की नस: रणधीर जायसवाल
असीम मुनीर के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पलटवार किया था. 24 घंटे के अंदर ही रणधीर जायसवाल ने कहा, “देखिए, कोई विदेशी चीज उनके गले की नस कैसे बन सकती है? यह भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है. पाकिस्तान के साथ इसका एकमात्र संबंध उस देश द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करना है.”
असीम मुनीर के बयान ने आतंकियों को दी हरी झंडी, पहलगाम नरसंहार और भाषण की टाइमिंग से उठे सवाल
16 अप्रैल को असीम मुनीर ने हिंदुस्तान की शान कश्मीर को लेकर भड़काऊ बयानबाजी की थी. असीम मुनीर ने कश्मीर को गले की नस बताया था. पाकिस्तान के मुसलमानों को हिंदुओं से अलग बताया था. ऊलजलूल बातें की थीं. हिंदू और मुसलमान के नाम पर भड़काया था. इसके दो दिन बाद ही 18 अप्रैल को पीओके में आतंकियों का मजमा लगा था. जहां लश्कर के आतंकियों ने भारतीयों का गला काटने, कश्मीर में गोलियां बरसाने और बदला लेने की बात की गई थी.
पीओके के रावलकोट के खाई गाला में 18 अप्रैल को एक रैली में लश्कर-ए-तैय्यबा के कमांडर अबू मूसा ने कश्मीर में हिंसा और जिहाद का खुला आह्वान किया था. यह रैली भारतीय सेनाओं द्वारा मारे गए दो लश्कर आतंकवादियों, आकिफ हलीम और अब्दुल वहाब, की याद में की गई थी. इस रैली में कई खूंखार आतंकी नेताओं की मौजूदगी देखी गई थी. इसी रैली के चार दिनों बाद स्पेशल ट्रेनिंग पाए आतंकियों ने पहलगाम में निहत्थे पर्यटकों को मारा था. इस नरसंहार में आतंकियों ने हिंदुओं को चुन-चुन कर मारा है और असीम मुनीर की बातों को बढ़ाते हुए हिंदुओं से कलमा पढ़ने को कहा.