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नकल के लिए भी अकल नहीं, शहबाज की फर्जी फोटो पर ओवैसी का कटाक्ष

कुवैत में असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ पर तंज कसा है. हाल ही में शहबाज शरीफ ने फेल्ड एयर मार्शल असीम मुनीर को चीनी सैनिकों वाली तस्वीर गिफ्ट की थी और उसे भारत की जीत के तौर पर दिखाया था. कुवैत पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में ओवैसी ने शहबाज शरीफ का मजाक बनाते हुए कहा, शहबाज के पास नकल के लिए अकल भी नहीं है.

पाकिस्तानी जोकर भारत से मुकाबला करना चाहते हैं, चीनी सेना के ड्रिल की तस्वीर गिफ्ट की:ओवैसी

कुवैत में पाकिस्तान की पोल खोलने पहुंचे भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल एमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर खूब चुटकी ली. अपने भाषण में ओवैसी ने कहा, “ पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक फोटो भेंट की. ये जोकर भारत से मुकाबला करना चाहते हैं. उन्होंने 2019 की चीनी सेना की एक ड्रिल की तस्वीर दी और कहा कि ये भारत पर जीत का सबूत है. ये है पाकिस्तान की हकीकत. नकल करने के लिए भी अकल चाहिए, और इनके पास तो वो भी नहीं है.” ओवैसी ने पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठे प्रचार से सतर्क रहने की भी चेतावनी दी. कहा, “जो कुछ भी पाकिस्तान कह रहा है, उस पर भरोसा करना तो दूर उसे चुटकी भर नमक के साथ भी नहीं लेना चाहिए.” 

खिसियाए शहबाज ने असीम मुनीर को दी फर्जी तस्वीर, पूरा मामला समझिए

असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनने के बाद पाकिस्तान में डिनर पार्टी रखी गई थी. इस दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने असीम मुनीर को एक तस्वीर गिफ्ट की. इस तस्वीर को ये कहकर भेंट किया गया था कि किस तरह पाकिस्तानी सेना की आर्टिलरी ने ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ भारत पर हमला किया था. तस्वीर में एक साथ कई मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को फायरिंग करते दिखाया गया है. रॉकेट के दागने से तस्वीर में आग का गुबार भी दिखाई पड़ रहा है. तस्वीर के जरिए पाकिस्तान ने अपनी वाहवाही करने की कोशिश की. फैक्ट-चेक में जब तस्वीर को जांचा गया तो पता चला कि ये तस्वीर पाकिस्तानी सेना की नहीं बल्कि चीन की पीएलए-आर्मी की रॉकेट फोर्स की है. शहबाज शरीफ ने जो तस्वीर गिफ्ट की है, वो तस्वीर वर्ष 2019 की है जिसे चीन की सेना ने एक युद्धाभ्यास के दौरान खींचा था. इस तस्वीर को चीन की पीएलए-आर्मी की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है. तस्वीर में पाकिस्तानी सेना की नहीं बल्कि चीन की पीएलए-आर्मी की रॉकेट फोर्स की है.

पहलगाम हमले में पाकिस्तान की सीधी भूमिका, लश्कर का ही दूसरा नाम है टीआरएफ:ओवैसी

कुवैत में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत के दौरान ओवैसी ने कहा “दिसंबर 2023 में, भारत ने संयुक्त राष्ट्र 1267 प्रतिबंध समिति को बताया था कि यह एलईटी (लश्कर-ए-तैयबा) का एक नया नाम है. मई 2024 में, हमने उन्हें फिर से सूचित किया कि यह एक पाक आधारित आतंकवादी समूह है जो भारत पर हमला करने वाला है. सुरक्षा परिषद ने बयान जारी किया, और उस संदर्भ में पाकिस्तान ने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की कि टीआरएफ का नाम न लिया जाए, क्यों? टीआरएफ द्वारा पहलगाम हमले को स्वीकार करते हुए 4 बयान दिए गए, हमारी 2 एजेंसियों ने पाया कि यह पाकिस्तानी छावनी क्षेत्र के पास से दिया गया था, यह स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की स्पष्ट भागीदारी (पहलगाम आतंकवादी हमले में) को दर्शाता है”

पाकिस्तान से ज्यादा ईमानदार है हिंदुस्तानी मुसलमान, पाकिस्तान को एफटीएफ की सूची में लाया जाना चाहिए: ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस लाया जाना चाहिए. एफएटीएफ की ग्रे सूची का महत्व यह है कि जब आप पैसे का लेन-देन करेंगे तो उस देश पर कड़ी निगरानी होगी. यह एक तथ्य है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकी समूहों को प्रायोजित करने के लिए मध्य पूर्व हवाला या मनी लॉन्ड्रिंग का उपयोग करता है. पाकिस्तान को एफएटीएफ में लाना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आईएमएफ द्वारा दिया जा रहा 2 बिलियन डॉलर का ऋण पाकिस्तानी सेना द्वारा उपयोग किया जाएगा. पाकिस्तान इस मुद्दे को नहीं उठा सकता और कह सकता है कि वे मुसलमान हैं, भारत में, मुसलमानों की आबादी बड़ी है और हम भारतीय मुसलमान पाकिस्तान अधिक ईमानदार हैं.”

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