गलवान घाटी की झड़प के ठीक पांच साल बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस महीने चीन के दौरे पर जा सकते हैं. मौका होगा चीन में होने जा रही एससीओ देशों के रक्षा मंत्रियों के शिखर सम्मेलन का (24-25 जून).
रविवार को ही गलवान घाटी की झड़प के पांच साल पूरे हुए हैं. आज की रात को (15-16 जून) को भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की विवादित गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी. तभी से दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव चल रहा था.
डिसएंगेजमेंट करार से भारत-चीन के संबंधों में सुधार
पिछले साल अक्टूबर में हालांकि, भारत और चीन ने डिसएंगेजमेंट करार कर लिया था. इस करार के तहत दोनों देशों की सेनाएं, पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवादित इलाकों से अपनी-अपनी सेनाएं पीछे हटाने के लिए तैयार हो गए थे.
ऐसे में राजनाथ सिंह की चीन यात्रा, दोनों देशों के सामान्य होते संबंधों की तरफ इशारा करता है. इसी हफ्ते ही चीन के उप-विदेश मंत्री सुन वीडोंग भी आधिकारिक दौरे पर दिल्ली आए थे. वीडोंग ने दिल्ली में विदेश सचिव विक्रम मिसरी से मुलाकात की थी.
माना जा रहा है कि शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) बैठक में शामिल होने के अलावा, राजनाथ सिंह अपनी चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जुन से भी मुलाकात कर सकते हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने नहीं की थी पाकिस्तान की मदद: सीडीएस
हाल ही में सीडीएस जनरल अनिल चौहान जब सिंगापुर में शांगरी ला डायलॉग में हिस्सा लेने गए थे, तब इंटरनेशनल मीडिया से इस बात की तारीफ की थी कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान की मदद नहीं की थी.
पाकिस्तान ने भले ही भारत के खिलाफ चीन के साथ तैयार किए गए जेएफ-17 और चीन में निर्मित जे-10 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया था, लेकिन सीधे तौर से चीन की भारत के खिलाफ कोई कार्रवाई सामने नजर नहीं आई थी.
चीन के भले ही पाकिस्तान से मजबूत संबंध हैं, फिर भी पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) की जबरदस्त निंदा की थी. ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का चीन दौरा अहम मायने रखता है. हालांकि, रक्षा मंत्रालय या फिर विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर से राजनाथ सिंह की चीन यात्रा को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है.
राजनाथ चीन गए तो टकरा सकते हैं ख्वाजा आसिफ से
लेकिन अगर राजनाथ सिंह, एससीओ मीटिंग में हिस्सा लेने चीन जाते हैं तो वहां पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से जरुर टकरा सकते हैं. क्योंकि भारत की तरह ही पाकिस्तान भी वर्ष 2017 से एससीओ संगठन का सदस्य है.
पहलगाम नरसंहार और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए टकराव के दौरान, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने बेहद उलटे-सीधे बयान जारी किए थे. हालांकि, उनके कई बयानों को खुद पाकिस्तानी सरकार ने खारिज कर दिए थे.
ये हैं एससीओ के सदस्य-देश
भारत, चीन और पाकिस्तान के अलावा रूस, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान भी एससीओ के सक्रिय सदस्य देश हैं. पिछले साल ही ईरान और बेलारूस भी इस संगठन के सदस्य बने हैं.