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नेपाल के रास्ते घुसपैठ की फिराक में पाकिस्तानी आतंकी

साल 1999 में कंधार हाईजैक के लिए पाकिस्तानी आतंकियों ने किया था नेपाल की जमीन का इस्तेमाल, क्या एक बार फिर भारत-नेपाल सीमा के खुले होने का फायदा उठाने की फिराक में हैं, लश्कर और जैश के आतंकी. नेपाली राष्ट्रपति के सलाहकार सुनील बहादुर थापा ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि पाकिस्तानी आतंकी नेपाल के जरिए भारत पर हमलेकर सकते हैं. सिर्फ राष्ट्रपति के सलाहकार ही नहीं, हाल ही में नेपाल के पूर्व मंत्रियों और नेताओं ने भी ये चिंता जताई जा रही है.

नेपाल के रास्ते घुसपैठ की फिराक में पाकिस्तानी आतंकी: नेपाली राष्ट्रपति के सलाहकार

काठमांडू में दक्षिण एशिया में आतंकवाद: क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की चुनौती विषय पर हुए कार्यक्रम में नेपाल के राष्ट्रपति के सलाहकार सुनील बहादुर थापा ने चौंकाने वाला बयान दिया है. सुनील बहादुर थापा ने चेतावनी दी है कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह भारत के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं, पाकिस्तनी आतंकी नेपाल के रास्तों का उपयोग भारत पर हमले करने के लिए कर सकते हैं.

नेपाल और भारत के बीच खुली सीमा और वीजा-फ्री व्यवस्था को लेकर भी चिंता जताई गई. सुनील थापा के मुताबिक, आतंकवादी इसी व्यवस्था का फायदा उठाकर भारत में प्रवेश कर सकते हैं, क्योंकि भारत-नेपाल की सीमा में आना-जाना आसानी से किया जा सकता है. इस पर हम दोनों देशों को काम करने की आवश्यकता है.

वहीं कार्यक्रन में नेपाल के सांसद शिशिर खनाल ने भी पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि, अब भारत और नेपाल को मिलकर बॉर्डर मैनेजमेंट को मजबूत करना होगा. भारत-नेपाल के बीच हाईटेक निगरानी तकनीक, इंटेलिजेंस शेयरिंग और संयुक्त आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन की जरूरत है.

पहलगाम हमले में एक नेपाली की मौत हुई, ऑपरेशन सिंदूर प्रभावी एक्शन: पूर्व रक्षा मंत्री

नेपाल के पूर्व रक्षा मंत्री मिनेंद्र रिजाल ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने से न केवल भारत बल्कि नेपाल और खुद पाकिस्तान भी नुकसान झेल रहा है. मिनेंद्र रिजाल बोले कि आतंकवादी हमलों का सीधा असर नेपाल पर भी पड़ता है. इसका उदाहरण पहलगाम हमला है जिसमें एक नेपाली नागरिक की भी मौत हुई थी.

कार्यक्रम में शामिल सभी नेपाली एक्सपर्ट्स, सेना और राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की. सभी ने एक सुर में भारत के इस कदम को सीमा पार के खतरों के प्रति एक सशक्त और प्रभावी प्रतिक्रिया बताया

कंधार हाईजैक में सामने आया था नेपाली कनेक्शन, हाफिज के करीबी ने ली थी नेपाल में शरण

इसी साल 18 मई को लश्कर-ए-तैयबा के नेपाल मॉड्यूल के प्रमुख सैफुल्लाह की पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हत्या कर दी गई थी. बताया जाता है कि हाफिज सईद का बेहद करीबी माना जाने वाला सैफुल्लाह नेपाल में आतंकी संगठन को खड़ा कर रहा था. और संगठन के लिए फंडिंग इकट्ठा कर रहा था. 

आतंक से जुड़े कई पुराने मामलों में नेपाल का नाम आ चुका है. साल 1999 में आईसी 814 फ्लाइट, जो काठमांडू से दिल्ली जा रही थी, आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था.

साल 2017 में भी एक पाकिस्तानी आतंकवादी की सोनौली बॉर्डर से एसएसबी ने गिरफ्तार किया था. 

आपको बता दें कि भारत और नेपाल के बीच 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है, जिस पर बेहद कम सुरक्षा जांच होती है, जिसका फायदा आतंकवादी उठाने की कोशिश करते हैं. हालांकि एसएसबी इन बॉर्डर्स पर तैनात है, जो बेहद चौकसी रखती है. लेकिन नेपाल की ओर से बार-बार पाकिस्तानी आतंकियों को लेकर उठाई जा रही आशंकाओं को लेकर भारतीय एजेंसियों भी सतर्क हैं.

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