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रूस से अमेरिका खरीदता है न्यूक्लियर फ्यूल, MEA ने खोली ट्रंप की पोल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत को टैरिफ बढ़ाने की धमकी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने तगड़ा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को क्लीन बोल्ड करते हुए दो टूक कह दिया है कि आरोप लगाने वाले देश पहले खुद देखें, क्योंकि अमेरिका खुद रूस के साथ व्यापार करता है. अंमेरिका. रूस से न्यूक्लियर फ्यूल खरीदता है.

अमेरिका ने भारत पर रूस के साथ तेल खरीदने पर सवाल उठाते हुए युद्ध में अप्रत्यक्ष तौर पर मदद करने का आरोप लगाया है. 

रूस से व्यापार पर घेरने वालों देशों को भारत ने दिखाया आईना

विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान देते हुए कहा, कि रूस से तेल आयात करने के कारण भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ के निशाने पर है. भारत के आयात का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है. भारत की आलोचना करने वाले देश खुद रूस के साथ व्यापार करते हैं. 

विदेश मंत्रालय ने जो आंकड़े पेश किए उसमें हैरान करने वाली बात ये है कि रूस-यूक्रेन युद्ध (साल 2022) के बाद रूस के साथ व्यापार में और उछाल है. यानि ईयू और रूस के बीच व्यापार में बढ़ोतरी रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद आई है.

रूस-ईयू के व्यापार के आंकड़ों ने खोली पोल

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जो आंकड़े सामने पेश किए हैं, वो हैरान करने वाले हैं.

  • साल 2024 में यूरोपीय संघ ने रूस के साथ 67.5 बिलियन यूरो का द्विपक्षीय व्यापार किया.
  • साल 2023 में ट्रेड का व्यापार 17.2 बिलियन यूरो था. यह उस साल या उसके बाद रूस के साथ भारत के कुल व्यापार से काफी ज्यादा है. 
  • 2024 में यूरोपीय एलएनजी का आयात 16.5 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया.

अमेरिका का दोगलापन, खुद रूस से करता है व्यापार

भारत ने अमेरिका को एक्सपोज कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा है, “अमेरिका तो खुद ही रूस से व्यापार करता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप एक तरफ यूक्रेन संघर्ष के बाद भारत द्वारा तेल आयात किए जाने की आलोचना कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका खुद रूस से बड़े पैमाने पर अपने परमाणु उद्योग की जरूरतों का सामान आयात कर रहे हैं.”

विदेश मंत्रालय ने बताया कि “अमेरिका अपने न्यूक्लियर इंडस्ट्री के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री के लिए पैलेडियम, फर्टिलाइजर और केमिकल आयात करता रहता है.”

भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा करेगा: विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कहा है कि “भारत के निशाना बनाना न सिर्फ अनुचित बल्कि बेतुका भी है. भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा.”

आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर रूस के साथ व्यापार करने पर 25 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने और जुर्माने की घोषणा की है. उसके बाद ट्रंप के प्रशासन के लोग भी भारत पर दबाव बना रहे हैं, और रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करने का आरोप लगा रहे हैं. 

रूस बहाना, ट्रंप चाहते हैं कि भारत सीजफायर का क्रेडिट दे

ट्रंप ने भारत पर टैरिफ और जुर्माने की घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद की है, जब उन्होंने संसद में दो टूक कह दिया था कि ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए दुनिया के किसी भी नेता ने नहीं कहा था. यानी नोबल शांति पुरस्कार की चाहत रखने वाले ट्रंप की कलई पीएम मोदी ने खोल दी थी. 

एक्सपर्ट्स बता रहे हैं कि रूस से व्यापार करना तो सिर्फ बहाना है, अमेरिका चाहता है कि भारत, पाकिस्तान के साथ सीजफायर का क्रेडिट दे, लेकिन भारत ने पहले ही कह चुका है कि वो किसी की मध्यस्थता नहीं स्वीकार करेगा.

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