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मैप ने निकाली जेलेंस्की की हेकड़ी, ट्रंप ने बताया रूस का कब्जा

व्हाइट हाउस में रूस-यूक्रेन जंग समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वार्ता के लिए इकठ्ठा हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और यूरोप के नेताओं की एक तस्वीर ने सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है. इस फोटो में जेलेंस्की को ट्रंप एक मैप दिखा रहे हैं जिसमें क्रीमिया सहित यूक्रेन के डोनबास और दूसरे इलाकों पर रूसी कब्जा का प्रतिशत अंकित है. 

इस मैप पर यूक्रेन के उन प्रांतों को दिखाया गया है, जिन्हें फरवरी 2022 के बाद रूस ने कब्जा कर लिए हैं. साथ ही वर्ष 2014 में कब्जा किए पूरे क्रीमिया प्रायद्वीप को भी दिखाया गया है जिस पर रूस का पूरी तरह से कब्जा है. मैप पर यूक्रेन के लुहांस्क (लुगांस्क) पर 99 प्रतिशत और दोनेत्स्क पर 76 प्रतिशत कब्जा दर्शाया गया है. इसके अलावा खेरसोन और जपोरिजिया पर  73-73 प्रतिशत कब्जा है. इन चार प्रांतों को मुख्य तौर पर मिलाकर ही यूक्रेन का वो डोनबास इलाका (प्रांत) बनता है जिसकी आजादी के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करने के वक्त ऐलान किया था. (https://x.com/theinsiderpaper/status/1957513257922752931?s=46)

ट्रंप ने जेलेंस्की से मुलाकात से पहले ही सोशल मीडिया पर लिखकर इस बात का संकेत दे दिया था कि यूक्रेन को अब क्रीमिया और कुछ अन्य इलाकों के बारे में सोचना बंद करना होगा. क्योंकि पुतिन ने शांति समझौते के लिए डोनबास और क्रीमिया पर यूक्रेन के दावे को एक सिरे से खारिज करने की बड़ी शर्त रखी है. जबकि जेलेंस्की इन इलाकों को किसी कीमत पर छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. इसी को लेकर पेंच फंसा हुआ है. 

सोमवार को जिस तरह सूट पहनकर (बिना टाई के) जेलेंस्की व्हाइट हाउस पहुंचे और अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस की मौजूदगी में ट्रंप से गरम-जोशी से मुलाकात की, उससे ऐसा लगता है कि अब युद्ध जल्द खत्म हो सकता है. जेलेंस्की और यूरोपीय देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात के बाद ट्रंप ने पुतिन को फोन कॉल कर शांति समझौते की दिशा में किए गए प्रयासों की जानकारी भी साझा की. 

कुछ हफ्तों पहले खुद पुतिन ने इस बात का खुलासा किया था कि दोनेत्स्क और लुहांस्क में 20-25 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा करना बाकी है. पूरा कब्जा होने के बाद युद्ध रूक सकता है. लेकिन पिछले कुछ महीनों में रूसी सेना ने डोनबास क्षेत्र के अलावा खारकीव, सुमी, दिनीपित्रो और माइकोलाव जैसे इलाकों में आगे बढ़ना शुरु कर दिया है. हालांकि, इन इलाकों में बेहद कम क्षेत्रफल ही रूसी सेना के कब्जे में है. ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि अगस्त 2024 में यूक्रेनी सेना ने रूस के कुर्स्क इलाके में करीब 1300 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर कब्जा कर लिया था. इसका बदला लेने के लिए रूसी सेना ने सुमी और खारकीव जैसे प्रांतों में आगे बढ़ना शुरु कर दिया था.  

पुतिन ने हाल ही में ये बयान भी दिया था कि जहां भी रूसी सैनिक पहुंचते हैं, वो इलाका रशिया का हिस्सा बन जाता है. ऐसे में इस बात को लेकर कयास लगने लगे थे कि क्या रूसी सेना का आखिरी पड़ाव यूक्रेन की राजधानी कीव होगा. यहां ये बात दीगर है कि वर्ष 2022 में युद्ध शुरु होने के दौरान, रूसी सेना ने कीव की घेराबंदी कर दी थी. लेकिन कुछ हफ्तों बाद ही रूसी सेना ने वापस लौटना शुरू कर दिया और पूरा ध्यान डोनबास इलाके पर केंद्रित कर दिया था.

रूसी सेना की कीव से वापसी को जेलेंस्की ने एक बड़ी जीत के तौर पर पेश की थी. लेकिन इस दौरान, यूक्रेनी सेना ने डोनबास का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा पूरी तरह खो दिया. 

अब शांति समझौते के लिए जेलेंस्की को नाटो की सदस्यता की मांग भी छोड़नी होगी. बदले में अमेरिका, सिक्योरिटी गारंटी देने के लिए तैयार हो सकता है. 

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