रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्त करने नोबल शांति पुरस्कार की चाहत रखने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी बात से पलटते दिख रहे हैं. यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी को लेकर अमेरिका ने यूटर्न ले लिया है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि यूक्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूरोप को लेनी चाहिए. वेंस ने कहा, अमेरिका बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन ट्रंप चाहते हैं कि यूरोप नेतृत्वकारी भूमिका निभाए.
इसी सप्ताह व्हाइट हाउस ने यूरोप के बड़े राष्ट्राध्यक्षों ने राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की थी. ये मुलाकात ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई बैठक के बाद हुई थी. ईयू के नेताओं ने ट्रंप से बातचीत में यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी को प्राथमिकता बताया था.
यूक्रेन की मदद की पहली जिम्मेदारी यूरोपीय देशों की है:जेडी वेंस
जेडी वेंस ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है. वेंस ने कहा है कि “भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यूक्रेन की मदद की पहली जिम्मेदारी यूरोपीय देशों की है. अमेरिका मदद के लिए तैयार है, लेकिन ज्यादा जिम्मेदारी यूरोपीय देशों की है. हमें उम्मीद है और राष्ट्रपति ट्रंप भी यही चाहते हैं कि यूरोप अब नेतृत्वकारी भूमिका निभाए.”
ट्रंप रूस-यूक्रेन संघर्ष में अमेरिका की न्यूनतम भागीदारी चाहते हैं :वेंस
जेडी वेंस ने कहा कि ‘राष्ट्रपति ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में अमेरिका की भागीदारी को न्यूनतम करना चाहते हैं. मुझे नहीं लगता कि अब हमें इस बोझ को और आगे जारी रखना चाहिए. अगर युद्ध को समाप्त कराने के लिए जरूरी हुआ तो हम मदद के लिए तैयार हैं. राष्ट्रपति ने साफ कहा है कि अमेरिका बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन तब तक हम कोई वचन नहीं दे सकते, जब तक हम युद्ध को रुकवाने का रास्ता नहीं ढूंढ लेते.
अमेरिकी सैनिकों को यूक्रेन भेजकर पुतिन से पंगा नहीं लेना चाहते ट्रंप
दरअसल यूक्रेन और यूरोप के देशों को आशंका है कि ट्रंप युद्ध समाप्ति के बदले रूस को वो सारी जमीने देना चाहता है, जो उसने युद्ध में जीती हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि अलास्का में पुतिन ने ट्रंप के सामने यही मांग रखी होगी. लेकिन यूरोपीय देश इसके हक में नहीं हैं.
व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ हुई बैठक में लगभर हर यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी की मांग की. यानि अगर युद्ध समाप्त होता है तो अमेरिका, यूक्रेन को सुरक्षा दे. लेकिन अमेरिका इस हक में नहीं है कि अमेरिकी सैनिक यूक्रेन में जाकर सुरक्षा दें.
अमेरिका ने इस संभावना से इनकार कर दिया है कि अमेरिकी सैनिक यूक्रेन में जाएंगे. हालांकि ट्रंप ने कहा है कि वो यूरोपीय सदस्यों के साथ मिलकर यूक्रेन की सुरक्षा करने को तैयार हैं. यानी ट्रंप सीधे-सीधे अपने सैनिकों को भेजकर पुतिन से पंगा नहीं लेना चाहते.
ट्रंप ने कहा है कि “हम नाटो को हथियार भेज रहे हैं और उसके बदले में नाटो हमें हथियारों का पूरा भुगतान कर रहा है. नाटो इन हथियारों को यूक्रेन की मदद के लिए भेज रहा है.”
यानि अमेरिका, रूस-यूक्रेन मामले में यूक्रेन की मदद तो करना चाहता है, लेकिन अप्रत्यक्ष तरीके से. अब अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी जो बयान दिया है, उससे तो यही लग रहा है कि अमेरिका हाथ खींच रहा है, ताकि रूस के साथ उसकी प्रतिद्वंदिता और दुश्मनी और न बढ़े.