यूरोपीय देश फिनलैंड के भारत को लेकर दिए गए बड़े बयान और चीन में भारत का दम दिखने के बाद ईयू में हलचल तेज हो गई है. अमेरिका की ओर से भारत पर लगातार बढ़ाए जा रहे टैरिफ के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूरोपीय यूनियन के प्रमुख एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ बातचीत हुई है.
तीनों नेताओं ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को शीघ्र संपन्न करने की प्रतिबद्धता दोहराई और यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
मोदी, शी जिनपिंग, पुतिन के साथ आने से वेस्ट में हड़कंप
पीएम मोदी के जापान और चीन के दौरे के बाद वेस्ट देशों में हड़कंप मचा हुआ है. अमेरिका के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत की मित्रता रूस के अलावा चीन से भी बढ़ रही है, जो इन दिनों यूरोप के लिए तनाव का विषय बना हुआ है. इन सबके बीच गुरुवार को पीएम मोदी और एंटोनियो कोस्टा और ईयू अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच फोन पर वार्ता हुई है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया, कि “दोनों पक्षों ने व्यापार, टेक्नोलॉजी, निवेश, इनोवेशन, स्थिरता, रक्षा, सुरक्षा और सप्लाई चेन जैसे अहम क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों में हुई तरक्की का स्वागत किया. साथ ही प्रस्तावित व्यापार समझौते के लिए बातचीत को शीघ्र पूरा करने की प्रतिबद्धता भी जताई.”
पीएम मोदी ने ईयू के नेताओं को भारत आने का दिया न्योता
बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय संघ से जुड़े दोनों नेताओं को अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का न्योता दिया.
पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया, “दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकतों के रूप में, भारत और यूरोपीय संघ के बीच ट्रस्ट, शेयर्ड वैल्यूज और भविष्य के लिए एक समान विजन पर आधारित एक मजबूत और अटूट संबंध है. इन नेताओं ने बातचीत के दौरान वैश्विक मुद्दों का मिलकर सामना करने, स्थिरता को बढ़ावा देने और पारस्परिक समृद्धि के लिए नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी की भूमिका का जिक्र किया.”
“नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती के साथ ही भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को जल्द से जल्द स्वीकार करना और आईएमईईसी कॉरिडोर के कार्यान्वयन के लिए साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की.”
चीन में एक कार में दिखे पुतिन-मोदी, द्विपक्षीय वार्ता भी हुई
दरअसल रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कोशिश में जुटे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयास फेल होते नजर आ रहे हैं. लेकिन यूरोप के नेता जानते हैं कि पुतिन को पीएम मोदी समझा सकते हैं और वार्ता के लिए तैयार कर सकते हैं.
चीन में जिस तरह से पीएम मोदी और पुतिन एक दूसरे के साथ 45 मिनट तक कार में रहे, उसके अलावा द्विपक्षीय वार्ता में पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति पर जोर दिया, उससे यूक्रेन के साथ-साथ यूरोप के देशों को लगता है कि भारत अहम रोल अदा कर सकता है.
चीन से लौटने के बाद ईयू नेताओं की पीएम मोदी के साथ बातचीत बेहद अहम हो जाती है.
भारत के साथ सम्मानजनक और गरिमापूर्ण व्यवहार हो, नहीं तो हम हार जाएंगे: फिनलैंड के राष्ट्रपति
फिनलैंड के राष्ट्रपति स्टब ने राजधानी हेलसिंकी में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान यूरोपीय देशो को भारत के प्रति अच्छे व्यवहार की सलाह दी है. स्टब ने कहा है कि “ग्लोबल साउथ, खासकर भारत के लिए विदेश नीति में बदलाव करे, नहीं तो अमेरिका और पश्चिमी देश अपना खेल हार जाएंगे.”
स्टब ने कहा, “मेरा संदेश न केवल मेरे यूरोपीय सहयोगियों के लिए बल्कि विशेष रूप से अमेरिका के लिए यह है कि अगर हम भारत जैसे ग्लोबल साउथ के प्रति अधिक सहयोगी और सम्मानजनक विदेश नीति नहीं बनाते हैं, तो हम यह खेल हार जाएंगे.”
फिनलैंड के राष्ट्रपति स्टब ने ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट की नीति पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी. कहा, “यूरोप और अमेरिका ग्लोबल साउथ और भारत के प्रति अधिक सहयोगात्मक विदेश नीति अपनानी चाहिए.”
एससीओ की बैठक से साबित हुआ वेस्ट का घट रहा प्रभुत्व: राष्ट्रपति स्टब
स्टब ने जोर देकर कहा कि “एससीओ की हालिया बैठक ने साबित कर दिया है कि चीन और रूस जैसे देश विकासशील दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं. भारत, पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशियाई देशों की सदस्यता वाले एससीओ की बीजिंग में हुई बैठक में आर्थिक सहयोग और बहुपक्षीय व्यापार पर फोकस किया गया. ये पश्चिमी देशों के लिए चुनौती है.”
“चीन में एससीओ की बैठक पश्चिम को याद दिलाती है कि पश्चिम का नेतृत्व और आर्थिक प्रभुत्व पर खतरा है. भारत जैसे देशों को नजरअंदाज करना घातक होगा. यह बैठक ग्लोबल वेस्ट में हम सभी को याद दिलाती है कि हमारे लिए क्या दांव पर लगा है. हम पुरानी व्यवस्था के अवशेषों को बचाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.”
स्टब ने भारत का नाम लेते हुए कहा कि “नई दिल्ली ग्लोबल साउथ का प्रतिनिधित्व करती है और एससीओ जैसे मंचों में सक्रिय है. भारत के साथ सहयोग न बढ़ाकर हम चीन के प्रभाव को बढ़ावा देंगे.”
हाल ही में राष्ट्रपति स्टब ने पीएम मोदी से बात की थी और कहा था कि “रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने में अहम भूमिका निभा सकता है भारत. दक्षिण, पश्चिम और पूर्व में भारत की आवाज सुनी जाती है और उसका सम्मान किया जाता है.”