भारतीय नौसेना शुक्रवार को गुरुग्राम स्थित आईएफसी-आईओआर सेंटर को नेवल स्टेशन आईएनएस अरावली नाम देने जा रही है. एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, नौसेना प्रमुख की उपस्थिति में इस नेवल स्टेशन को कमीशन किया जाएगा.
नौसेना का इंफोर्मे़न फ्यूजन सेंटर-इंडियन ओसियन रीजन (आईएफसी), वॉर-रूम की तरह इस्तेमाल किया जाता है. यहां से पूरे हिंद महासागर पर नजर रखी जाती है. इसके लिए भारतीय नौसेना के सभी जंगी जहाज, पनडुब्बियां और समुद्री-तटों पर स्थित रडार स्टेशन जुड़े हुए हैं. साथ ही सैटेलाइट कम्युनिकेशन से भी आईएफसी को जोड़ा गया है.
भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता और जागरूकता को मजबूती देगा आईएनएस अरावली
आईएनएस अरावली विभिन्न सूचना और संचार केंद्रों का समर्थन करेगा, जो भारत और भारतीय नौसेना की कमान, नियंत्रण और मेरीटाइम डोमेन अवेयरनेस ढांचे के लिए महत्वपूर्ण हैं.
आईएफसी का ध्येय है सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए साझेदारी. ऐसे में हिंद महासागर में होने वाली पायरेसी, हाईजैकिंग, स्मगलिंग, गैरकानूनी फिशिंग और मानव तस्करी जैसे समुद्री-अपराध पर नकेल कसने के लिए आईएफसी, मित्र-देशों की नौसेनाओं के साथ सहयोग करती है.
इसके लिए एफआईसी दो दर्जन से ज्यादा देशों की नौसेनाओं के साथ सहयोग करती है. साथ ही संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की मैरीटाइम एजेंसियों के साथ-साथ करीब 50 अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भारतीय नौसेना के इस आईएफसी के साथ 24X7 जुड़ी रहती है.
भारत की अडिग अरावली पर्वतमाला के तर्ज पर रखा गया नाम
नौसेना के मुताबिक, आईएनएस अरावली का नाम भारत की अविचल अरावली पर्वतमाला से प्रेरित है. यह नौसैनिक केंद्र नौसेना के अलग-अलग संचार केंद्रों के लिए विशेष मददगार साबित होगा.
आईएनएस अरावली का आदर्श वाक्य है ‘सामुद्रिकसुरक्षायाः सहयोगं,’ अर्थात सहयोग से समुद्री सुरक्षाय यह नेवल बेस नौसेना की सहयोगात्मक कार्य संस्कृति को दर्शाता है, जिसके तहत यह नौसैनिक इकाइयों, एमडीए केंद्रों और अन्य साझेदारों के साथ समन्वय में कार्य करेगा.
आईएनएस अरावली का प्रतीक चिह्न (क्रेस्ट) भी इसके नाम और उद्देश्य से जुड़ा हुआ है. नौसेना के मुताबिक क्रेस्ट में दिखाई गई पर्वत श्रृंखला की आकृति, अरावली की अडिग और दृढ़ता को प्रतीकात्मक रूप से प्रदर्शित करती है. इसमें उगते सूर्य की छवि है. यह छवि शाश्वत सतर्कता, ऊर्जा और लचीलापन का प्रतीक है.