नेपाल में फैली अशांति और राजनीतिक अराजकता के बीच भारतीय वायुसेना करने जा रही है बड़ा युद्धाभ्यास. वायुसेना ने इस महीने के आखिरी हफ्ते में उत्तराखंड में चीन और नेपाल के ट्राइ जंक्शन पर युद्धाभ्यास को लेकर नोटम जारी किया है.
नेपाल में इस सप्ताह जेन ज़ी के विद्रोह के कारण पीएम के पी सिंह ओली को इस्तीफा देना पड़ा था. अराजकता देखते हुए नेपाली सेना ने सुरक्षा व्यवस्था संभाल रखी है. अंतरिम सरकार बनाने की कोशिश की जा रही है, जिसमें दो नाम सबसे आगे हैं, एक सुशीला कार्की और दूसरा काठमांडू के मेयर बालेन शाह, जो युवाओं में बेहद पॉपुलर हैं.
पड़ोसी देश होने के कारण नेपाल में शांति और व्यवस्था भारत के लिए भी बेहद अहम है, क्योंकि नेपाल की अशांति का फायदा पाकिस्तान जैसा देश उठा सकता है. ऐसे में वायुसेना अपने अभ्यास के जरिए अपनी तैयारियों की समीक्षा करेगी.
उत्तराखंड सीमा पर भारतीय वायुसेना का युद्धाभ्यास
22 से 30 सितंबर तक उत्तराखंड में नेपाल-चीन ट्राइजंक्शन के करीब इंडियन एयरफोर्स अपना दमखम दिखाने जा रही है. हालांकि, इस अभ्यास के बारे में वायुसेना ने कोई आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा नहीं की है, लेकिन हाल ही में इसी तरह के अभ्यासों को देखते हुए, इसमें लड़ाकू विमानों की भागीदारी, उन्नत उड़ान संचालन और सैन्य तैयारियों का आकलन शामिल हो सकता है.
माना जा रहा है कि वायुसेना की मध्य कमान, बरेली एयरबेस से इस युद्धाभ्यास को संचालित करेगी.
इस युद्धाभ्यास से पहले नोटम (नोटिस टू एयरमैन) जारी किया गया है. नोटम का उद्देश्य नागरिक यात्रा को सुरक्षित बनाना होता है, यानी ये एक ऐसा नोटिस है, जिसके जरिए उन एयरस्पेस को पायलट नहीं इस्तेमाल करते हैं, जहां पर युद्धाभ्यास चल रहा होता है.
जिस ट्राइ जंक्शन पर युद्धाभ्यास, वहीं लिपुलेख और काला पानी, जिसे ओली ने बताया था नेपाल का हिस्सा
इसी ट्राइ जंक्शन पर भारत का लिपुलेख और काला पानी इलाका है जिसे नेपाल के (पूर्व) प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने अपना बताकर नेपाल के मैप में दिखा दिया था.
चीन के पसंदीदा चेहरे के पी शर्मा ओली अब सत्ता में नहीं हैं लेकिन उन्होंने भारत के साथ रिश्ते बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. ओली के सत्ता में रहते हुए नेपाल ने नक्शा जारी किया, जिसमें भारत के लिपुलेख को नेपाल का बताया गया. काठमांडू ने अपनी नई करेंसी नोट पर नेपाल का जो नया नक्शा दिखाया उसमें विवादित कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाली सीमा में दिखाया, जबकि उत्तराखंड से सटे इन इलाकों पर नेपाल का भारत से लंबा विवाद रहा है. ये इलाका भारत, नेपाल और चीन सीमा के ट्राइ-जंक्शन पर है.
माना जा रहा है कि भारत अपने लिपुलेख और कालापानी से सटे इलाकों में युद्धाभ्यास करके नेपाल की नई अंतरिम सरकार के सामने सांकेतिक तौर पर अपना मैसेज दे देगा.