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आईएसआई ने फिर बदला लश्कर का नाम, पहनाया कश्मीर का चोगा

पाकिस्तान में आई बाढ़ की आपदा के बावजूद, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत-विरोधी गतिविधियों में लिप्त है. भारत की खुफिया एजेंसियों ने आईएसआई की इस नई साजिश के बारे में अलर्ट जारी किया है. क्योंकि आईएसआई ने जम्मू कश्मीर में ऑपरेट करने वाले लश्कर ए तैयबा को अब ‘माउंटेन वॉरियर्स ऑफ कश्मीर’ (एमडब्लूके) का नाम दे दिया है.

टीएफए को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी ने हाल ही में पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के फ्रंट टीआरएफ ( द रजिस्टेंस फोर्स) को बेनकाब किया और पहलगाम हमले का दोषी करार दिया था. ऐसे में आईएसआई ने एक बार फिर लश्कर को नया (छद्म) नाम दे दिया है. आईएसआई ने लश्कर ए तैयबा को  माउंटेन वॉरियर्स ऑफ कश्मीर का नाम देने के साथ ही कश्मीरी कनेक्शन दिखाने के लिए एमडब्लूके के प्रवक्ता का नाम दानिश भट्ट कर दिया है.

12 सितंबर को एमडब्लूके ने अपना पहला बयान जारी कर कश्मीर की आजादी का आलाप लापा है.

लश्कर के छद्म संगठन टीआरएफ को अमेरिका ने घोषित किया वैश्विक आतंकी संगठन

जुलाई के महीने में अमेरिकी विदेश विभाग ने टीआरएफ को सीधे तौर से आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का ही एक ‘फ्रंट’ और ‘प्रॉक्सी’ करार दिया था. अमेरिका ने माना कि पहलगाम नरसंहार के पीछे टीआरएफ की साजिश थी. ऐसे में अमेरिका ने टीआरएफ को एक वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया था.  

अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, टीआरएफ ने पहलगाम हमले (22 अप्रैल) की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 26 मासूम नागरिकों की जान गई थी. अमेरिका के मुताबिक, पहलगाम हमला, वर्ष 2008 में मुंबई आतंकी हमले के बाद सबसे घातक अटैक है.

पहलगाम हमले से पहले भी टीआरएफ ने जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली थी.यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने टीआरएफ को नामित फोरेन टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन (एफटीओ) और स्पेशली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (एसडीजीटी) की श्रेणी में डाल दिया है.

अमेरिका ने इमीग्रेशन और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और कार्यकारी आदेश 13224 के तहत, क्रमशः लश्कर-ए-तैयबा को एफटीओ और एसडीजीटी के रूप में नामित करने के लिए टीआरएफ और अन्य संबंधित उपनामों को जोड़ा है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी नहीं सुधरा पाकिस्तान: थलसेना प्रमुख

पिछले हफ्ते थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के बावजूद पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. क्योंकि पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ जारी है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से एलओसी पर तो शांति है और पाकिस्तानी सेना की तरफ से कोई युद्धविराम उल्लंघन की बड़ी घटना सामने नहीं आई है. लेकिन पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ जारी है. 28 अगस्त को सेना ने दो (02) आतंकियों को गुरेज सेक्टर में घुसपैठ के वक्त मार गिराया था.

सेना को लगातार इस तरह को इंटेलिजेंस इनपुट मिल रहे हैं कि पाकिस्तान (और पीओके) में आतंकी एक बार फिर लॉन्च पैड पर इकठ्ठा होने की कोशिश कर रहे हैं. यहां तक की जिन आतंकी ठिकानों को सेना और वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तबाह किया था, वहां फिर से मरम्मत का काम शुरु हो गया है.

हेल्थ सेंटर की आड़ में जैश खड़ा कर रहा तबाह किया गया आतंकी कैंप

हाल ही में ऐसी खबरें भी आई हैं कि आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने पाकिस्तान के नरोवाल में सरजाल कैंप को एक हेल्थ सेंटर की आड़ में फिर से एक्टिव करने की कोशिश की है.

आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा ने भी अपने मुरीदके हेडक्वार्टर को बहावलपुर शिफ्ट करने की तैयारी कर ली है. बहावलपुर में जैश का मुख्यालय भी है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने हवाई हमलों में इन दोनों ही हेडक्वार्टर को ध्वस्त कर दिया था.

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