नेपाल में जेन ज़ी के विद्रोह के बाद अपनी कुर्सी से हाथ धोने वाले पूर्व पीएम के पी शर्मा ओली तकरीबन 9 दिनों बाद नजर आए हैं. सेना की सुरक्षा के बीच ओली एक सीक्रेट प्राइवेट जगह पर शिफ्ट किए गए हैं.
सत्ता से धकेल दिए गए ओली के सुर अभी भी भारत विरोधी ही नजर आ रहे हैं. फेसबुक पर अपना बयान जारी करके भारत का नाम लिए बिना ओली ने ऊटपटांग बयान दिया है. ओली ने कहा है कि मैं अपने देश को इकोनोमिक ब्लॉक्ड (नाकाबंदी) से बचाने की कोशिश कर रहा था, इसलिए षडयंत्र रचा गया.
ओली का इशारा कहीं न कहीं भारत-चीन के लिपुलेख में हुए व्यापार के समझौते पर था, क्योंकि जेन ज़ी के विरोध से पहले के पी शर्मा ओली लिपुलेख क्षेत्र को लेकर रोना रो रहे थे.
नेपाल के खिलाफ साजिश रची गई: के पी शर्मा ओली
ओली ने फेसबुक पर लंबी पोस्ट लिखकर सफाई दी है. कहा है कि “हमने अपने उत्तरी पड़ोसी देशों के साथ परिवहन पारगमन समझौते भी किए थे, इसलिए नेपाल का संविधान स्वयं नेपाली लोगों द्वारा लिखा गया भविष्य का रोडमैप है. पिछले सप्ताह जेन ज़ी के एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में घुसपैठ की गई. घुसपैठियों ने हिंसा फैलाई, हमारे युवाओं को मार डाला. सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था. गोली चलाने की घटना की जांच होनी चाहिए. मैं उस घटना पर दुख व्यक्त करता हूं, मृतक युवक को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.”
साजिश के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा, सच सामने आ जाएगा: के पी शर्मा ओली
ओली ने लिखा, “हम इस समय ऐसी स्थिति में हैं जहां हमारे संविधान पर बड़ा हमला हो रहा है. पीएम पद से मेरे इस्तीफे के बाद सिंह दरबार जला दिया गया, नेपाल का नक्शा जला दिया गया. मैं इसके पीछे साजिश के बारे में कुछ ज्यादा नहीं कहूंगा. ये तो वक्त बताएगा कि हमारा देश बन रहा था या बिगड़ रहा था या केवल एक काल्पनिक कहानी गढ़कर गुस्सा फैलाया जा रहा था. हमारी पीढ़ी ये साजिश खुद समझ जाएगी. मैं अपने देश को इकोनॉमिक नाकाबंदी से बचाने की कोशिश कर रहा था. इसलिए षडयंत्र रचा गया.”
काठमांडू में जेन ज़ी के डर से सेना की शरण में थे ओली
के.पी. शर्मा ओली नौ दिनों तक सेना की सुरक्षा में रहे. अब आर्मी घेरे से बाहर निकले हैं नेपाल मीडिया का दावा है कि ओली, भक्तपुर जिले के गुंडु इलाके में एक निजी घर में शिफ्ट हुए हैं. नेपाल में 9 सितंबर को जेन-जी ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. प्रदर्शन हिंसक हो गया और ओली को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.
प्रदर्शनकारियों से बचने के लिए ओली ने सेना के एक बैरक में शरण ली थी. नाराज प्रदर्शनकारियों ने ओली के घर को आग के हवाले कर दिया था. जिसके बाद सेना के हेलीकॉप्टर ने उन्हें रेस्क्यू किया था. बाद में अराजकता बढ़ते देख ओली ने इस्तीफा दिया.
ओली की रुखसती के बाद अब नेपाल में अंतरिम सरकार है, जिसकी मुखिया सुशीला कार्की को बनाया गया है. काठमांडू समेत सभी शहरों में जिंदगी वापस पहले की तरह लौट रही है और जिस सोशल मीडिया (यूट्यूब, एक्स, इंस्टा, फेसबुक) बैन को लेकर आंदोलन शुरु किया गया था वो सोशल मीडिया भी नेपाल में सुचारू रूप से चल रहा है.