By Nalini Tewari
60 साल बाद संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल होगा सीरिया. अहम बात ये है कि यूएनजीए में सीरिया का प्रतिनिधित्व वो अल शरा करेगा, जिसे कभी अमेरिका ने आतंकी माना था और अब सीरिया के राष्ट्रपति की गद्दी पर काबिज है. ये जानकर हैरानी होगी, लेकिन सच्चाई है कि सीरिया का राष्ट्रपति अहमद अल शरा (अलकायदा का पूर्व आतंकी) न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा ले रहा है.
एक समय में अमेरिका ही वो देश था जिसने अल शरा को आतंकी संगठन हयात अल तहरीर का मुखिया माना था और उस पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया था. लेकिन अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद खुद ट्रंप ने अल शरा से दोस्ती गांठनी शुरु कर दी है. सीरिया से प्रतिबंध हटाते हुए अल शरा को भी आतंकी लिस्ट से बाहर कर दिया है.
60 साल में पहली बार यूएनजीए में सीरिया की भागीदारी
करीब साठ वर्षों में यह पहली बार है, जब कोई सीरियाई राष्ट्रपति यूएनजीए में भाग ले रहा हैय आखिरी बार 1967 में सीरियाई राष्ट्रपति ने महासभा की बैठक में भाग लिया था. पिछले साल अल-शरा के नेतृत्व में सीरिया में हुए विद्रोह के चलते बशर अल-असद को राष्ट्रपति के पद से हटा दिया गया और असद के सत्ता से हटने के साथ ही सीरिया में राष्ट्रपति की कुर्सी पर अल शरा बैठ गया.
अलकायदा से जुड़ा अब पश्चिमी देशों से सीरियाई राष्ट्रपति सुधार रहे संबंध
सत्ता में आने के बाद पहले हिंसा की बात करने वाले अल शरा ने शांति और विश्वास का राग अलापना शुरु किया है. अल-शरा ने सभी समुदायों के साथ मिल-जुलकर रहने की बात कही और सीरिया के अल्पसंख्यकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की. वहीं पश्चिमी देशों से संबंध सुधारने की भी जुगत की है.
अल-शरा इस साल मई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले थे. यह मुलाकात पिछले 25 सालों में किसी सीरियाई और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच पहली मीटिंग थी. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ आयोजित गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल के सम्मेलन में हुई इस बैठक में ट्रंप ने सीरिया पर सभी प्रतिबंध हटाने की घोषणा की.
इस दौरान ट्रंप ने कहा, कि अमेरिका सीरिया की नई सरकार के साथ संबंधों को सामान्य करने की दिशा में काम कर रहा है. जिसके बाद सीरिया की ओर दूसरे भी कई देशों का रुख बदल गया है.
अल जुलानी, अल गोलानी के नाम से जाना था अल शरा
अल जुलानी ने साल 2003 में मेडिकल की पढ़ाई की, लेकिन कट्टर सोच के चलते वो कई अलकायदा नेताओं से जु़ड़ा. साल 2005 में अमेरिकी सेना ने अल शरा को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया. छूटने के बाद अल जुलानी ने अल कायदा की सीरिया शाखा अल नुस्र शुरु की. साल 2016 में अल शरा अल कायदा से अलग हो गया और हयात तहरीर अल शाम (एचटीएस) बनाई. दिसंबर 2024 में एचटीएस विद्रोहियों ने बशर अल असद की सत्ता को हिला दिया और फिर पूरे सीरिया पर एचटीएस का कब्जा हो गया. बाद में पूरी दुनिया के सामने अल जुलानी उर्फ अल गोलानी के नाम से कुख्यात शख्स का नाम अल शरा पता चला.
अब अल शरा ना सिर्फ अमेरिका, बल्कि इजरायल और रूस से भी अच्छे रिश्ते बनाना चाहता है. अब जरा सोचिए कि साल 2013 में जिस शख्स को अमेरिका ने ‘स्पेशली डिजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट’ घोषित किया था. आज उसी को अमेरिका स्टेट गेस्ट ऑनर दे रहा है.