बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से ब्रिटेन ने निकाली है मोहम्मद यूनुस सरकार पर भड़ास. ब्रिटेन की कीर स्टार्मर सरकार ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा और घृणा की घटनाओं की कड़ी निंदा की है. ब्रिटेन के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में जारी बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश में लोकतांत्रिक बदलाव की प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए ब्रिटेन प्रतिबद्ध है.
अल्पसंख्यक हिंदुओं का बांग्लादेश में अत्याचार बंद हो: ब्रिटेन
दीपावली से पहले ब्रिटेन के सामुदायिक संगठन ‘इनसाइट यूके’ की हालिया रिपोर्ट जारी की गई है. इस रिपोर्ट को ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में संसद में पेश किया है. रिपोर्ट में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव की घटनाओं का विवरण दिया गया है.
‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ के नेता सर एलन कैंपबेल ने लेबर पार्टी की ओर से कहा, “हम किसी भी तरह की धार्मिक घृणा या हिंसा की घटना की कड़ी निंदा करते हैं. हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. ब्रिटेन सरकार बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अधिक कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार फेक न्यूज: मोहम्मद यूनुस
हाल ही में एक इंटरव्यू में बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हिदुओं पर अत्याचार को प्रोपेगेंडा बताया था. मोहम्मद यूनुस ने दुनियाभर में आई रिपोर्ट्स और आंकड़ों को गलत बताते हुए कहा था ये फेक न्यूज की बाढ़ है.
क्या कहते हैं अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के आंकड़े
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के हमले को लेकर संसद में पेश आंकड़ों के मुताबिक बांग्लादेश में साल 2024 में 2400 मामले अल्पसंख्यकों पर हमले के मामले थे. 2022 की जनगणना के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. कुल आबादी में 7.95 प्रतिशत हिंदू हैं. इसके बाद बौद्ध (0.61 प्रतिशत) और ईसाई (0.30 प्रतिशत) हैं.