ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले में अहम भूमिका निभाने वाले रफाल (राफेल) फाइटर जेट में बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उड़ान भरेंगी. इसके लिए सशस्त्र सेनाओं की सुप्रीम कमांडर खुद अंबाला एयरबेस पर मौजूद रहेंगी.
राष्ट्रपति भवन ने इस बाबत आधिकारिक बयान जारी कर महामहिम के अंबाला दौरे और रफाल लड़ाकू विमान में उड़ान की जानकारी दी है.
अंबाला में रफाल लड़ाकू विमानों की गोल्डन ऐरो (17वीं) स्क्वाड्रन तैनात रहती हैं. इसी स्क्वाड्रन के फाइटर जेट ने ही 6-7 मई की रात को आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के मुरीदके और बहावलपुर स्थित हेडक्वार्टर पर बमबारी कर बर्बाद कर दिया था. इन दोनों ही ठिकानों पर बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे. मारे गए आतंकियों में जैश के सरगना मसूद अजहर के परिवार के सदस्य भी शामिल थे.
इसी महीने वायुसेना दिवस (8 अक्टूबर) के अवसर पर एयर चीफ मार्शल ने ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने के लिए गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया था. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकार ने गोल्डन ऐरो के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ), ग्रुप कैप्टन रंजीत सिंह सिद्धू को वीर चक्र से सम्मानित करने की घोषणा की थी.
साथ ही रफाल उड़ाने वाली महिला फाइटर पायलट विंग कमांडर शिवानी को वायुसेना की ट्रेनिंग एकेडमी में इंस्ट्रक्टर के पद पर तैनात कर दिया गया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने विंग कमांडर शिवानी के बारे में प्रोपेगेंडा फैलाने की नाकाम कोशिश की थी. पाकिस्तान ने विंग कमांडर शिवानी को बंधक बनाने का झूठा प्रचार किया था.
यही वजह है कि राष्ट्रपति ने अंबाला एयरबेस पहुंचकर रफाल में उड़ान भरने का फैसला किया है. रफाल के दो पायलट वाले ट्रेनर एयरक्राफ्ट में राष्ट्रपति उड़ान भरेंगी.
ये दूसरी बार है कि राष्ट्रपति किसी फाइटर जेट में फ्लाई कर रही हैं. वर्ष 2023 में भी असम के तेजपुर एयरबेस पर राष्ट्रपति मुर्मू ने सुखोई फाइटर जेट में फ्लाइंग की थी.

