रफाल में उड़ान भरने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए नौसेना अपनी ताकत को डेमो यानी शक्ति-प्रदर्शन दिखाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से सटे समंदर में एक स्पेशल प्रेसिडेंशियल यॉट में नौवहन की तैयारी की जा रही है. मौका होगा भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू (आईएफआर) का.
आईएफआर के दौरान, राष्ट्रपति भारतीय नौसेना सहित मित्र-देशों की दर्जनों नौसेनाओं का गार्ड ऑफ ऑनर भी लेंगी और जंगी बेड़े की समीक्षा करेंगी.
विशाखापट्टनम में अगले वर्ष फरवरी आयोजित होगा इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू
जानकारी के मुताबिक, अगले वर्ष फरवरी के महीने में विशाखापट्टनम से सटे समंदर में आईएफआर का आयोजन किया जाएगा. दस वर्ष में एक बार होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय मेरीटाइम आयोजन में मित्र-देशों के जंगी जहाज और नौसैनिक हिस्सा लेते हैं.
आखिरी आईएफआर वर्ष 2016 में विशाखापट्टनम में हुआ था जिसमें करीब 50 देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया था. तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस में हिस्सा लिया था. इस बार के आईएफआर में भी पीएम के शामिल होने की पूरी संभावना है.
नौसेना का शक्ति-प्रदर्शन देखेंगे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री
आईएफआर के दौरान, सुप्रीम कमांडर को समंदर में गार्ड ऑफ ऑनर के अलावा, भारतीय नौसेना का शक्ति-प्रदर्शन भी देखने को मिलेगा. इस शक्ति प्रदर्शन में भारतीय नौसेना के युद्धपोत, पनडुब्बियां, एयरक्राफ्ट कैरियर और लड़ाकू विमान हिस्सा लेते हैं. साथ ही आईएफआर में हिस्सा लेने वाले मित्र-देशों के नौसैनिकों की टुकड़ियों की एक सिटी-परेड भी विशाखापट्टनम शहर में आयोजित की जाएगी.
फ्लीट रिव्यू की पंरपरा, 18वीं सदी में जाती है जब मराठा नौसेना ने अपनी जंगी बेड़े की सभी बोट्स को अरब सागर में उतारा था.
सर्वोच्च कमांडर के लिए नौसेना तैयार करेगी एक खास प्रेसिडेंशियल यॉट
प्रेसिडेंशियल यॉट के लिए नौसेना के एक जंगी जहाज को खास राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, नेवी चीफ और दूसरे गणमान्य व्यक्तियों के लिए खास तौर से तैयार किया जाता है.
खास बात है कि इस बार आईएफआई और नौसेना की मिलन एक्सरसाइज का आयोजन एक साथ किया जा रहा है. दो वर्ष में एक बार होने वाली मिलन एक्सरसाइज में हिंद महासागर क्षेत्र की नौसेनाएं हिस्सा लेती हैं.

