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यूक्रेन की घेराबंदी पक्की, पुतिन ने पश्चिमी मीडिया को दी कवरेज की अनुमति

रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति के आसार तो नहीं लग रहे लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वेस्ट को दिखाना चाहते हैं, कि कैसे रूस इस युद्ध में यूक्रेन पर भारी पड़ रहा है. पुतिन का मानना है कि वेस्ट के पत्रकारों को रूस की ओर से युद्ध क्षेत्र में जाकर सही रिपोर्टिंग करके देखना चाहिए कि कैसे रूसी सेना ने यूक्रेनी सैनिकों को चारों ओर से घेर रखा है. 

पुतिन ने अपनी रक्षा मंत्रालय को आदेश दिया है कि वो यूक्रेन और पश्चिमी देशों के पत्रकारों को क्रास्नोअर्मेस्क, दिमित्रोव और कुप्यांस्क जैसे इलाकों में सुरक्षित रास्ता दें ताकि वो देख पाएँ कि कैसे यूक्रेनी सेना रूसी सैनिकों से घिरी हुई है.

फरवरी 2022 में जब से युद्ध शुरु हुआ है, वेस्ट की मीडिया पर यूक्रेन की ओर से गलत रिपोर्टिंग और प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप लगा है. हालांकि रूस ने भारत के चंद पत्रकारों जिनमें से टीएफए मीडिया के फाउंडर-ए़़डिटर नीरज राजपूत भी शामिल हैं. उन्हें रूसी सीमा से रिपोर्टिंग करने की अनुमति दी थी. नीरज राजपूत ने अपने अनुभवों को ‘ऑपरेशन Z लाइव’ पुस्तक में शब्दों के तौर पर ढाला है (https://www.amazon.in/Operation-Z-Live-Russia-Ukraine-Yuddha/dp/9355217625)

वेस्ट मीडिया को रिपोर्टिंग की अनुमति, 5-6 घंटे के सीजफायर को तैयार

रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के हवाले से बताया, “रूस के रक्षा मंत्रालय को देश के सर्वोच्च कमांडर-इन-चीफ (पुतिन) से एक आदेश मिला है कि यूक्रेन सहित विदेशी पत्रकारों के लिए निर्बाध मार्ग सुनिश्चित किया जाए, जो क्रास्नोअर्मेस्क, दिमित्रोव और कुप्यांस्क में उन इलाकों का दौरा करें, जहां यूक्रेनी सैनिक घिरे हुए हैं.”

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, “अगर आवश्यक हो तो रूस की सेना इन क्षेत्रों में पांच-छह घंटे के लिए शत्रुता समाप्त करने और यूक्रेन सहित विदेशी मीडिया प्रतिनिधियों के समूहों के लिए निर्बाध प्रवेश व निकास गलियारा प्रदान करने के लिए तैयार है, बशर्ते पत्रकारों और रूसी सैन्य कर्मियों, दोनों की सुरक्षा गारंटी हो.”

रूसी जवानों ने 10 हजार यूक्रेनी सैनिकों को घेरा

रूस के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल वालेरी गेरासिमोव ने बताया था कि “रूसी सैनिकों ने 10,000 से ज्यादा यूक्रेनी सैनिकों को घेर लिया है और उन्हें रोक दिया है.” 

जिसके बाद राष्ट्रपति पुतिन ने दावा किया है कि “रूसी सैनिकों ने यूक्रेनी शहरों में यूक्रेनी सेना को घेर लिया है और उनसे आत्मसमर्पण करने को कहा है.”

हालांकि यूक्रेन के सैन्य अधिकारी पुतिन के इस दावे का खंडन कर रहे हैं, लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने स्वीकार किया है कि  रूसी सेना ने रणनीतिक शहर पोक्रोव्स्क में बड़ी बढ़त बना ली है. 

पोक्रोव्स्क में हालात कठिन, रूसी सेना ने घेरा: जेलेंस्की

जेलेंस्की ने माना है कि “हालात बेहद कठिन हैं. रूसी सैनिकों की संख्या यूक्रेनी सेना से आठ गुना ज्यादा है, जिसे रोक पाना फिलहाल संभव नहीं दिख रहा.” 

जेलेंस्की ने कहा, “सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि 200 से ज्यादा रूसी सैनिक पहले ही शहर के अंदर दाखिल हो चुके हैं. वहां भीषण लड़ाई जारी है. रूस अभी अपने सभी लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया है, लेकिन उन्होंने हमें संख्या और ताकत से घेर लिया है.”

आपको बता दें जेलेंस्की जिस पोक्रोव्स्क की बात कर रहे हैं, वो डोनबास क्षेत्र में यूक्रेन का सबसे अहम सप्लाई और ट्रांसपोर्ट हब है. यहीं से पूर्वी मोर्चे पर सैनिकों और हथियारों की सप्लाई होती है. अगर रूस इस शहर पर कब्जा कर लेता है, तो वह पूरे डोनेत्सक क्षेत्र पर नियंत्रण के और करीब पहुंच जाएगा.

रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर किया हमला

इस बीच रूस ने एक बार फिर यूक्रेनी ऊर्जा ढांचे को निशाना बनाते हुए बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं. हमलों की वजह से बृहस्पतिवार को पूरे यूक्रेन में बिजली गुल हो गई थी. 

जेलेंस्की ने एक बार फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मदद की अपील की है और कहा है कि रूसी राष्ट्रपति पर चीन के जरिए दबाव बनाया जाए. 

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