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सर क्रीक में तनाव, त्रिशूल घुसेगा दुश्मन के सीने में

सर क्रीक को लेकर चल रही तनातनी के बीच पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान, गुजरात और अरब सागर में आयोजित भारत की ट्राई-एक्सरसाइज ‘त्रिशूल’ (30 अक्टूबर-13 नवंबर) में भारत के 20-25 जंगी जहाज और 40 से भी ज्यादा फाइटर जेट हिस्सा ले रहे हैं. इसके साथ ही थलसेना की दक्षिणी कमान (हेडक्वार्टर पुणे),  बीएसएफ और कोस्टगार्ड भी पूरी दमखम के साथ हिस्सा ले रही हैं.

शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय नौसेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ नेवल ऑपरेशन्स (डीजीएनओ) एन प्रमोद ने बताया कि इस एक्सरसाइज का उद्देश्य, एक बड़े कॉम्पलेक्स वातावरण में सभी मेरीटाइम फोर्सेज और सशस्त्र बलों के बीच सिनर्जी बिठाना है. ऐसा इसलिए ताकि जंग की स्थिति में सशस्त्र बलों और सेंट्रल एजेंसियों के बीच पूरी तरह तालमेल और सहयोग बना रहे.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार, सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना साझा युद्धाभ्यास कर रहे हैं. इस एक्सरसाइज को लेकर भारत ने गुजरात, राजस्थान और उत्तरी अरब सागर में नोटम यानी नोटिस टू एयरमैन जारी किया है ताकि युद्धाभ्यास के दौरान एयर-स्पेस में किसी तरह का उल्लंघन न हो.

पहली बार पश्चिमी थिएटर में ट्राई-सर्विस एक्सरसाइज

हाल के वर्षों में ये पहली बार है कि पश्चिमी सीमा पर भारत की ट्राइ-सर्विस यानी सेना के तीनों अंगों की साझा एक्सरसाइज की जा रही है. भारतीय नौसेना का एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत और उस पर तैनात लड़ाकू विमान मिग-29के भी इस एक्सरसाइज में हिस्सा ले रहे हैं.

एक्सरसाइज में भारतीय वायुसेना की दक्षिणी-पश्चिमी कमान (मुख्यालय गांधीनगर) और इस क्षेत्र के सभी एयरबेस हिस्सा ले रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, वायुसेना के मिग-29, सुखोई, मिराज और जगुआर फाइटर जेट हिस्सा ले रहे हैं. लड़ाकू विमानों के अलावा टोही विमान और मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी एक्सरसाइज का हिस्सा हैं.

पारंपरिक युद्ध के साथ-साथ साइबर और स्पेस डोमेन में भी वॉर-गेम

वाइस एडमिरल प्रमोद ने ये भी जानकारी दी कि पारंपरिक युद्ध के अलावा साइबर और स्पेस डोमेन में भी इस वॉर-गेम को आयोजित किया गया है.

सर क्रीक में अगर पाकिस्तान की नापाक हरकत, कराची का खुल जाएगा रास्ता

हाल के दिनों में गुजरात के सर क्रीक इलाके को लेकर भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया है. दशहरा के मौके पर राजनाथ ने सर क्रीक पहुंचकर शस्त्र पूजा की थी और पाकिस्तान को इस क्षेत्र में किसी भी तरह की नापाक हरकत से बाज आने की चेतावनी दी थी. राजनाथ ने खुलासा किया था कि 1965 के युद्ध के बाद से ही पाकिस्तान की इस इलाके में नजर लगी रहती है. यही वजह है कि सर क्रीक के अपने अधिकार क्षेत्र में पाकिस्तान अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ा रहा है.

राजनाथ ने साफ तौर से कहा था कि अगर पाकिस्तान ने सर क्रीक में कोई मिस-एडवेंचर किया तो 1971 के युद्ध की तरह पाकिस्तान का इतिहास-भूगोल पूरी तरह बदल दिया जाएगा. रक्षा मंत्री ने ये तक कह दिया था कि कराची का रास्ता सर क्रीक से होकर भी गुजरता है.

राजनाथ सिंह के दौरे के तुरंत बाद, पाकिस्तानी नेवी चीफ नावेद अशरफ ने सर क्रीक पहुंचकर तीन होवरक्राफ्ट को यहां तैनात किया था.  

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