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कश्मीरी डॉक्टर के लॉकर में AK47, एजेंसियां करेंगी इलाज

आतंकवाद विरोधी एक्शन के दौरान उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक पूर्व सरकारी डॉक्टर के घर से संवेदनशील एके 47 बरामद की गई. अनंतनाग के पूर्व सरकारी डॉक्टर अदील अहमद रदर के लॉकर से एके-47 राइफल बरामद हुई है. 

बताया जा रहा है कि डॉक्टर एजेंसियों के रडार पर उस वक्त आया जब वो श्रीनगर के इलाके में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से संबंधित पोस्टर लगा रहा था. सीसीटीवी में डॉक्टर के देखे जाने के बाद शक गहरा गया. 

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉक्टर के खिलाए यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है. डॉक्टर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया है.

डॉक्टर से पूछताछ, एके 47 मिलने के बाद जांच तेज

एजेंसियों ने एक प्रतिष्ठित पूर्व सरकारी डॉक्टर अदील के घर से एके 47 बरामद की है. डॉक्टर अदील 24 अक्टूबर 2024 तक जीएमसी अनंतनाग में कार्यरत थे वो जलगुंड अनंतनाग के रहने वाले हैं. फिलहाल डॉक्टर सहारनपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में तैनात था.

आशंका जताई जा रही है कि डॉक्टर के आतंकियों से संबंध हो सकते हैं. जांच एजेंसियों का मानना है कि आतंकियों ने हथियार छिपाने के लिए भी डॉक्टर के ठिकाने का इस्तेमाल किया है.

अदील अहमद रदर के खिलाफ हथियार रखने और आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण मामला दर्ज किया गया है. डॉक्टर को यूपी पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया है. 

सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती, आतंकी कर रहे सुरक्षित स्थानों का इस्तेमाल?

शायद ही किसी को सरकारी डॉक्टर पर किसी तरह का शक रहा हो. अक्टूबर 2024 तक वो सरकारी डॉक्टर रहते हुए हजारों लोगों का इलाज कर चुका है. ऐसे में डॉक्टर के लॉकर से एके-47 की बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों को हाईअलर्ट कर दिया है. क्योंकि इस बरामदगी से आतंकवाद के छिपे नेटवर्क का भंडाफोड़ होने के साथ ही आतंकी कैसे सुरक्षित संस्थानों का इस्तेमाल कर रहे हैं, ये सामने आया है.

देशविरोधी और आतंकियों के साथियों पर लेते रहेंगे एक्शन: पुलिस

जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा है कि “ऐसे मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी और जो भी लोग आतंकवाद या देशविरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”

पुलिस थाना नौगाम में भारतीय बंदूक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ यूएपीए  की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

पुलिस और जांच एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं और ये पता कर रही हैं कि डॉक्टर के पास ये संवेदनशील हथियार कहां से और कैसे आया.क्या डॉक्टर ने किसी आतंकवादी को पनाह दी थी और अगर ये हथियार उस आतंकी का है तो डॉक्टर ने एजेंसियों को सूचना क्यों नहीं दी. या खुद डॉक्टर ही किसी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था. सारे सवालों के जवाब एजेंसियां ढूंढ रही हैं.

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