Breaking News Conflict Middle East Reports

इजरायल ने आतंकी टनल में भरा सीमेंट, हमास की कब्रगाह बनेंगी सुरंग

सुंरगों के जरिए इजरायल के खिलाफ खौफनाक साजिश रचने और उसे अंजाम तक पहुंचाने वाले हमास के लड़ाकों के लिए अब यही सुरंग बनने जा रही है काल. ऐसा काल जिसे इतिहास से सबसे बड़ी सजा के तौर पर देखा जा रहा है. 

सुरंग में फंसे हमास के आतंकियों को इजरायली डिफेंस फोर्स सीमेंट और कंक्रीट में चुनवा रही है. इससे पहले आईडीएफ ने इन आतंकियों को सरेंडर करने को कहा, लेकिन जब वो नहीं माने तो सुरंगों को सीमेंट से बंद किए जाने का काम शुरु कर दिया गया है.

हमास आतंकियों ने नहीं किया सरेंडर, तो सुरंगों में ही बनेगी कब्र

इजरायल के कब्जे वाले राफा में बनाई गई सुरंगों में तकरीबन 200 हमास के आतंकी फंस गए हैं. आईडीएफ ने इन आतंकियों को बाहर निकलने और सरेंडर करने का ऑफर दिया, लेकिन जब आतंकी बाहर नहीं निकले तो आईडीएफ ने सुरंग में कंक्रीट और सीमेंट डालना शुरु कर दिया है. विस्फोटक भी डाले गए हैं, ताकि सुरंग में छिपे आतंकियों का खात्मा किया जा सके.

बताया जा रहा है कि अलग-अलग सुरंगों में फंसे आतंकियों को मिस्र की मध्यस्थता में हुए इजरायल-हमास के समझौतों के बारे में नहीं पता हैं, क्योंकि इजरायल ने सारे कम्युनिकेशन लाइन्स पर कब्जा कर लिया है. ऐसे में आतंकी सुरंगों में छिपे हुए हैं. 

हमास के आतंकियों को मिस्र की ओर से दिया गया प्रस्ताव

मिस्र के मध्यस्थों ने हमास के आतंकियों को प्रस्ताव दिया है कि वे अपने हथियार सौंप दें और वहां मौजूद सुरंगों की जानकारी दें, जिससे उन्हें नष्ट किया जा सके. इसके बदले में इजरायल उन्हें सुरक्षित बाहर जाने का रास्ता देगा. हालांकि इजरायल और हमास ने अभी तक प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है. इस पर बातचीत की जा रही है. हालांकि इजरायल ने शुरुआत में प्रस्ताव दिया था कि हमास आतंकी अगर सरेंडर करते हैं और हथियार डालकर गाजा छोड़ देते हैं, तो उन्हें आईडीएफ की ओर से बख्श दिया जाएगा.

बताया जा रहा है कि सुरंग में फंसे आतंकियों को लेकर हमास-इजरायल के बीच बातचीत चल रही है लेकिन हमास सरेंडर की शर्त मानने को तैयार नहीं है. ऐसे में स्थित से नेतन्याहू की सेना ने खतरनाक प्लानिंग कर ली है.

सुरंग में फंसे आतंकियों पर हम कोई दया नहीं करेंगे: इजरायल 

आईडीएफ के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने चेतावनी दी है कि “सुरंगों में फंसे आतंकवादियों पर कोई दया नहीं की जाएगी. या तो उन्हें सरेंडर करना होगा या फिर उन्हें खत्म कर दिया जाएगा.”

जमीर ने सरकार को यह भी सलाह दी कि “जब तक सभी बंधकों और शहीद सैनिकों को वापस नहीं कर दिया जाता, तब तक संघर्ष विराम समझौते के अगले चरण पर आगे न बढ़ा जाए.”

वहीं इजरायल-हमास के युद्धविराम में भूमिका निभाने वाला ट्रंप प्रशासन राफा की सुरंगों में फंसे लड़ाकों के संकट को हमास को निरस्त्र करने के मॉडल के रूप में विकसित करना चाहता है. पिछले सप्ताह ट्रंप प्रशासन ने हमास के लड़ाकों को सुरक्षित निकलने के लिए 24 घंटे के लिए पीली रेखा (इजरायल के कब्जे वाले इलाके) पार करने की अनुमति दी थी, लेकिन इजरायल इस बात पर अड़ा हुआ है कि हमास को दी गई डेडलाइन खत्म हो चुकी है.

अमेरिका इजरायल से ये उम्मीद कर रहा है कि वो समझदारी दिखाए और आतंकियों को सुरंग से बाहर लाए.

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *