ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय वायुसेना के सुखोई फाइटर जेट, पहली बार किसी द्विपक्षीय एक्सरसाइज में हिस्सा लेने फ्रांस जा रहे हैं. खास बात है कि फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स की तरफ से वार्षिक गरुण एक्सरसाइज में रफाल (राफेल) फाइटर जेट हिस्सा लेने रहे हैं.
भारतीय वायुसेना के मुताबिक, फ्रांसीसी वायुसेना के साथ साझा एक्सरसाइज के लिए भारतीय वायुसेना के सुखोई फाइटर जेट फ्रांस के मोंट दे मारसन एयरबेस पहुंच गए हैं. वार्षिक गरुण-25 युद्धाभ्यास में फ्रांसीसी वायुसेना के रफाल (राफेल) लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं.
फ्रांस के मोंट दे मारसन एयरबेस पर होगी गरुण एक्सरसाइज
सोमवार से मोंट दे मारसन एयरबेस में 10 दिवसीय (16-27 नवंबर) गरुण एक्सरसाइज आयोजित होने जा रही है. भारतीय वायुसेना के मुताबिक, आईएएफ के सुखोई-30 एमकेआई विमान और एफएएसएफ के राफेल फाइटर एक सिम्युलेटेड युद्ध परिवेश में मुकाबला करेंगे, जिससे दोनों वायुसेनाओं की कौशल और पेशेवरिता का प्रदर्शन होगा.
वायुसेना ने आगे लिखा कि यह अभ्यास आपसी सहभागिता को और बढ़ाएगा, सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगा, और दोनों वायुसेनाओं के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा.
ऑपरेशन सिंदूर में सुखोई और रफाल ने पाकिस्तान में मचाई थी तबाही
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के मुख्यालयों को तबाह करने के लिए फ्रांस से खरीदे रफाल फाइटर जेट का इस्तेमाल किया था. साथ ही पाकिस्तानी वायुसेना के 11 एयरस्पेस पर ब्रह्मोस से हमला करने के लिए सुखोई लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया था.
उल्लेखनीय है कि वायुसेना के लिए रक्षा मंत्रालय, 114 रफाल फाइटर जेट प्रोजेक्ट के लिए एक फ्रांसीसी कंपनी दासो से बड़ा करार करने की तैयारी कर रही है. इस प्रोजेक्ट के तहत, इन रफाल फाइटर जेट का निर्माण भारत में ही किया जाएगा. ऐसे में भारतीय वायुसेना की कम हो रही स्क्वाड्रन की बड़ी भरपाई इन मेक इन इंडिया रफाल लड़ाकू विमानों से की जाएगी.
