व्हाइट हाउस के बेहद करीब उस वक्त हड़कंप मच गया जब दो नेशनल गार्ड जवान समेत 03 लोगों को बेहद करीब से गोली मार दी गई. संदिग्ध को मौके से पकड़ लिया गया. संदिग्ध की पहचान अफगानी मूल के रहमानुल्लाह लाकनवाल के तौर पर हुई है. जो 2021 में ‘ऑपरेशन एलाइज वेलकम’ के तहत अमेरिका आया था.
हैरान करने वाली बात ये भी है कि जो हमलावर था उसे अमेरिकी सेना की ओर से ट्रेनिंग मिली हुई थी और सीआईए के लिए वो काम भी घर चुका है.
इस घटना को अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवादी हमला करार देते हुए, फौरन अफगानी लोगों की एंट्री रोकने के आदेश दे दिए हैं. साथ ही संदिग्ध हमलावर को जानवर बताते हुए ट्रंप ने कहा, कि उसे इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.
एफबीआई पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है, लेकिन व्हाइट हाउस के करीब हुई इस घटना के बाद से हर कोई हैरान है.
अफगानी मूल का हमलावर गिरफ्तार, ले चुका है अमेरिकी स्पेशल फोर्स की ट्रेनिंग
अमेरिका के वाशिंगटन डीसी के पास हुई फायरिंग में दो नेशनल गार्ड सदस्य सहित 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. गोलीबारी की ये घटना व्हाइट हाउस से थोड़ी दूर स्थित फारागट स्क्वायर के पास हुई. फारागट स्क्वायर क्षेत्र व्यस्ततम इलाकों में से एक है.
चश्मदीदों के मुकाबिक नेशनल गार्ड के जवान पेट्रोलिंग कर रहे थे, उसी दौरान घात लगाए एक शख्स ने अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं. जिसके बाद नेशनल गार्ड्स ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें हमलावर घायल हो गया, और उसे मौके से पकड़ लिया गया.
जांच में पता चला कि हमला करने वाला शख्स लाकनवाल 10 सालों तक अफगान सेना में अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज के साथ अपनी सर्विस दी थी. कंधार बेस पर तैनात रह चुका है और सीआईए के लिए भी काम कर चुका है.
हमलावर ने अमेरिकी जवानों पर हमला क्यों किया, इसकी वजह की जांच की जा रही है.
ट्रंप ने हमले को आतंकी हमला बताया, अफगानिस्तान से आए हर नागरिक के जांच के आदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो नेशनल गार्ड्स को गोली मारे जाने की घटना को आतंकी कृत्य बताया है और कहा है कि इस मामले में त्वरित और निश्चित कार्रवाई की जाएगी. ट्रंप बोले, “यह जघन्य हमला दुष्टता का कार्य था, घृणा का कार्य था और आतंक का कार्य था. यह हमारे पूरे देश के खिलाफ एक अपराध था, यह मानवता के खिलाफ एक अपराध था.
ट्रंप ने कहा, “सुरक्षा विभाग को विश्वास है कि हिरासत में लिया गया संदिग्ध एक विदेशी है जो अफगानिस्तान से हमारे देश में दाखिल हुआ था, जो पृथ्वी पर एक नर्क है. हमें अब बाइडेन शासन के तहत अफगानिस्तान से हमारे देश में प्रवेश करने वाले हर एक विदेशी की फिर से जांच करनी चाहिए. यदि वे हमारे देश से प्यार नहीं कर सकते, तो हम उन्हें नहीं चाहते. अमेरिका आतंक के सामने कभी झुकेगा नहीं.”
वहीं अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने एलान किया कि “प्रशासन ने वॉशिंगटन में अतिरिक्त 500 सैनिकों की तैनाती का आदेश जारी किया गया है.”
सीआईए में काम कर चुका है हमलावर, सीआईए निदेशक ने क्या कहा?
सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ ने कहा, “अफगानिस्तान से बाइडेन प्रशासन की विनाशकारी वापसी के बाद, प्रशासन ने सितंबर 2021 में आरोपी को अमेरिका लाने को सही ठहराया था. प्रशासन का कहना था कि उसने अमेरिकी सरकार, जिसमें सीआईए भी शामिल है, जिसके साथ हमलावर ने कंधार में एक सहयोगी बल के रूप में काम किया था. इस व्यक्ति और ऐसे कई अन्य लोगों को कभी भी यहां आने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी. हमारे नागरिकों और सर्विस मेंबर्स को बाइडेन प्रशासन की विनाशकारी नीतियों के परिणामों को झेलने से बेहतर सुरक्षा मिलनी चाहिए.”
ऑपरेशन एलाइज वेलकम के तहत अमेरिका लाया गया था हमलावर
29 वर्षीय लाकनवाल अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में पला-बढ़ा और वॉशिंगटन के बेलिंघम में अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ रह रहा था.
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि संदिग्ध उन लोगों में से था जिन्हें 8 सितंबर 2021 को ‘ऑपरेशन एलाइज वेलकम के तहत अमेरिका लाया गया था. इस ऑपरेशन के पीछे बाइडेन प्रशासन की सोच थी कि वो अपने लोगों को तालिबान के कहर से बचाकर अमेरिका लाएं और उन्हें अमेरिका में बसाया जाए.
लेकिन इस घटना के बाद उन अफगानी लोगों पर संकट मंडराने लगा है जो अमेरिका में रहते हैं. उन्हें एक बार फिर से कड़ी समीक्षा प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा.

