फ्रांस की नेवी में उस वक्त हड़कंप मच गया जब उनके न्यूक्लियर सबमरीन बेस के ऊपर कई अज्ञात ड्रोन उड़ते देखे गए. शुक्रवार को अचानक कई अवैध ड्रोन न्यूक्लियर सबमरीन के बेहद करीब उड़ रहे थे. फ्रांसीसी सेना के मुताबिक अलर्ट सैनिकों ने फौरन अवैध ड्रोन्स पर काबू पाया. बाकी बेस पर हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है.वहीं पूरे मामले की जांच शुरु कर दी गई है.
यह अभी तक पता नहीं चल सका है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है. लेकिन हाल में पोलैंड,एस्टोनिया, नॉर्वे, जर्मनी, डेनमार्क में रहस्यमयी रूसी ड्रोन देखे गए थे, जिसके बाद यूरोपीय देशों में रूस को लेकर दहशत थी.
फ्रांस के अटलांटिक तटीय अड्डे पर पहुंचे संदिग्ध ड्रोन
शुक्रवार को फ्रांस के न्यूक्लियर सबमरीन बेस अटलांटिक तटीय अड्डे के ऊपर इस अवैध ड्रोन देखे गए हैं. जहां वह फ्रांस के परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बियों का गढ़ है. पश्चिमी फ्रांस के ब्रिटनी क्षेत्र स्थित ईल लोंग अड्डे के ऊपर कई ड्रोन मंडराते देखे गए. बताया जा रहा है जहां संदिग्ध ड्रोन देखे गए, वहां फ्रांस की चार परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों-ले त्रियोम्फां, ले तेमेरेर, ले विजिलां और ले तेरिब्ल का गृह बंदरगाह है.
फ्रांसीसी सैन्य अधिकारियों ने सिर्फ ये जानकारी साझा कि है कि अवैध ड्रोन गश्त के दौरान समंदर में उड़ते देखे गए. जिन्हें रोका गया.
हालांकि फ्रांस की सेना ने ये नहीं बताया है कि ड्रोन को मार गिराया गया या लोकेशन जैम करके उन्हें डायवर्ट कर दिया गया.
फ्रांस की रक्षा मंत्री ने क्या जानकारी दी
फ्रांस के रक्षा मंत्री काथरीन वॉत्रिन ने पुष्टि की कि अड्डे पर तैनात सैनिकों ने ड्रोन उड़ान को रोक दिया. वॉत्रिन ने कहा, हमारे देश में किसी भी सैन्य स्थल के ऊपर से उड़ान भरना पूरी तरह प्रतिबंधित है. मैं ईल लोंग अड्डे पर हमारे सैन्य कर्मियों द्वारा की गई रोकथाम कार्यवाही की सराहना करती हूं.”
यूरोपीय देशों में दहशत, पोलैंड-एस्टोनिया में देखे गए थे संदिग्ध रूसी ड्रोन
फ्रांस में ड्रोन किसके थे, इसकी जांच की जा रही है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में यूरोपीय संघ के कई सदस्य देशों ने अपने हवाई क्षेत्र में रहस्यमयी ड्रोन उड़ानों की शिकायत की है. और सीधे तौर पर रूस पर आरोप लगाए थे. एस्टोनिया और पोलैंड में ड्रोन देखे गए, जिनमें रूस पर हवाई क्षेत्र उल्लंघन के आरोप लगे हैं.
फ्रांस को आशंका है कि परमाणु ठिकानों के ऊपर ड्रोन उड़ाना जासूसी, साइबर वॉर या फिर सिर्फ डराने जैसा कदम हो सकता है. फ्रांस ने इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच शुरू कर दी है.
रूस और यूरोप में तनातनी, पुतिन ने लगाए यूरोप पर गंभीर आरोप
नई दिल्ली के दौरे से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूरोप पर युद्ध समाप्ति के बीच बाधा बनने का आरोप लगाया था. पुतिन ने कहा था कि “यूरोप की मंशा नहीं है युद्ध समाप्त करने की. तभी तो वो अमेरिका के 28 सूत्रीय शांति प्रस्ताव में अड़ंगा डाल रहे हैं.”
वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति ने खुलकर अमेरिका के शांति प्रस्ताव के कुछ बिंदुओं को गलत बताते हुए कहा था कि “वो रूस के पक्ष में हैं. यूरोप कभी भी यूक्रेन को अलग नहीं छोड़ेगा.”

