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यूएस CENTCOM की फजीहत, अपने एजेंट को आतंकी समझ मारा

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ पर पेंटागन (युद्ध विभाग) की एक रिपोर्ट से बवाल मचा ही हुआ था कि अमेरिकी सेना अपने अंडरकवर एजेंट को मारने के विवाद में घिर गई है. अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने सीरिया में एक ऑपरेशन के दौरान गलती से अपने उस एजेंट को गोली मार दी, जो कई साल से अमेरिकी सेना के लिए काम कर रहा था. 

इस घटना के बाद सेंटकॉम के साथ-साथ सीरियाई सरकार ने भी चुप्पी साध ली है. अमेरिकी सेना के एक अधिकारी ने सिर्फ ये कहा कि, हमें घटना की जानकारी है, लेकिन बताने के लिए कुछ नहीं है.

वहीं सीरियन फ्री आर्मी के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि खालिद अंतरिम सरकार के लिए काम कर रहा था और आईएसआईएस के खिलाफ ऑपरेशन में लगा था

आईएसआईएस कमांडर के लिए छापेमारी, खुद के ही एजेंट को अमेरिका ने मार दिया

अमेरिका ने सीरिया में आईएस कमांडर को पकड़ने के लिए छापेमारी की थी. लेकिन कथित तौर पर गलती से उस खुफिया एजेंट खालिद अल मसूद को ही मार दिया जो वर्षों से आईएस के खिलाफ गुप्त जानकारी जुटा रहा था. छापेमारी स्थानीय सीरियाई अधिकारियों के साथ मिलकर की जा रही थी.

मृतक के परिवार के मुताबिक, “खालिद अल-मसूद कई वर्षों से आईएस में घुसपैठ कर उसकी गतिविधियों की जानकारी अल-शरा के नेतृत्व वाले विद्रोहियों और बाद में अंतरिम सरकार को दे रहा था. अल-मसूद दक्षिणी सीरिया के रेगिस्तानी इलाके में आईएस की गतिविधियों की निगरानी कर रहा था.”

अंतरिम सरकार की जनरल सिक्योरिटी डिपार्टमेंट में करता था काम, आईएस के लिए करता था जासूसी: परिवार

मारे गए अमेरिकी सीरियाई एजेंट खालिद के परिवार के मुताबिक, “सीरिया में बशर असद की सत्ता जाने के बाद खालिद अंतरिम सरकार के जनरल सिक्योरिटी डिपार्टमेंट में तैनात था. खालिद दक्षिणी रेगिस्तान (बदिया) में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जासूसी कर रहा था.”

खालिद के रिश्तेदारों ने अमेरिका और दमिश्क को घेरते हुए कहा, “वह पहले अहमद अल-शरआ की अगुवाई वाली बागी तंजीम ‘हयात तहरीर अल-शाम’ यानी कि एचटीएस के लिए काम करता था, जो अल-कायदा से जुड़ी रही है लेकिन आईएसआईएस की दुश्मन है.”

अमेरिकी हेलीकॉप्टर और गोलियों की तड़तड़ाहट, चश्मदीदों ने बयां किया खौफनाक मंजर

सैंटकॉम के ऑपरेशन को लेकर सीरिया के लोग बताते हैं कि “रात करीब 3 बजे भारी गाड़ियों और हेलीकॉप्टर्स की आवाज से नींद टूटी. उन्हें एक हमवी (सैन्य गाड़ी) दिखी जिस पर अमेरिकी झंडे लगे थे.”

खालिद के चचेरे भाई अब्दुल करीम मसूद के मुताबिक, “उन्होंने शोर सुनकर जब घर का दरवाजा खोला तो सामने हमवी खड़ी थी. सैन्य गाड़ी पर ऊपर बैठा अमेरिकी सैनिक टूटी-फूटी अरबी में चिल्लाया और ग्रीन लेजर से निशाना बनाकर अंदर जाने को कहा.”

खालिद की मां सबाह अल-शेख अल-किलानी ने कहा, “अमेरिकी सैनिकों ने मेरे बेटे के घर को घेर लिया. दरवाजा पीटा. खालिद चिल्लाता रहा कि वह जनरल सिक्योरिटी का है, लेकिन वे दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और गोली मार दी.”

अमेरिकी सेना को मिली गलत जानकारी, आतंकियों के खिलाफ लड़ने वाले को मारा: खालिद की मां 

अंडरकवर एजेंट खालिद के परिवार का मानना है कि “सीरियन फ्री आर्मी के कुछ लोगों ने गलत या जानबूझकर गलत जानकारी अमेरिकियों को दी. सीरियन फ्री आर्मी यानि एसएफए पहले पूर्व राष्ट्रपति असद के खिलाफ लड़ती थी, अब अंतरिम रक्षा मंत्रालय के अधीन है.”

खालिद की मां ने कहा, “वे जख्मी हालत में खालिद को ले गए. बाद में सरकारी अफसरों ने कहा कि वह अस्पताल में है, उसे रिहा कर दिया है. फिर फोन आया कि लाश ले जाओ. अमेरिकी सैनिकों को इसकी सजा मिलनी चाहिए.”

हमारे पास बताने के लिए कुछ नहीं है: सेंटकॉम

अमेरिकी सेंट्रल कमांड यानि सेंटकॉम ने इस छापे पर कोई बयान नहीं दिया, जबकि आम तौर पर इस्लामिक स्टेट के किसी बड़े सदस्य के मरने या पकड़े जाने पर बयान जारी किया जाता है. एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने सिर्फ इतना कहा, “हमें इन खबरों की जानकारी है, लेकिन बताने को कुछ नहीं है.”

वहीं सीरिया के रक्षा और गृह मंत्रालय ने भी कोई टिप्पणी नहीं की. लेकिन कुछ अधिकारियों ने माना कि खालिद मसूद उनके लिए काम करता था.

लंदन की संस्था ‘एयरवॉर्स’ के मुताबिक साल 2020 से अब तक अमेरिका के नेतृत्व वाले अभियानों में 52 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें नागरिकों की मौत हुई या वे घायल हुए हैं. खालिद अल-मसूद को भी नागरिक के रूप में दर्ज किया गया है. साल 2023 में भी अमेरिका ने ड्रोन हमले में अल-कायदा लीडर मारने का दावा किया था, बाद में पता चला कि मारा गया शख्स सिर्फ एक किसान था. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये घटना अमेरिका और दमिश्क के तालमेल की कमी का मामला है.

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