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चीन-जापान विवाद में कूदा रूस, Bomber उतारने से इंडो-पैसिफिक में हलचल तेज

एशिया में चीन और जापान में चल रहे भयंकर तनाव के बीच रूस की एंट्री से हालात बेहद नाजुक मोड़ पर पहुंच गए हैं. जापान के रक्षा मंंत्रालय ने दावा किया है कि रूस के न्यूक्लियर बम बरसाने की क्षमता रखने वाले टीयू 95 विमान और चीन के एच 6 बॉम्बर्स ने जापान सागर से पूर्वी चीन सागर की ओर उड़ान भरी.

जापान के रक्षा मंत्री ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि चीन-रूस मिलकर जापान के खिलाफ ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जो चिंता का विषय है. 

आपको बता दें ताइवान को लेकर चीन और जापान के बीच उस वक्त तनातनी शुरु हो गई थी, जब जापान ने ताइवान से सिर्फ 70 मील दूर स्थित योना‍गुनी द्वीप पर एक नया इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर एयर-डिफेंस यूनिट तैनात करने की घोषणा की थी. जापान की इस घोषणा को चीन ने क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा बताया है.

जापान के खिलाफ चीन-रूस का शक्ति प्रदर्शन

जापान और चीन के बीच उस वक्त और तनातनी बढ़ गई जब रूस के न्यूक्लियर बम बरसाने की क्षमता रखने वाले लड़ाकू विमानों ने चीन के साथ प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त उड़ान भरी. 

जापान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक “दो रूसी टीयू-95 बेयर टर्बोप्रॉप बॉम्बर जापान सागर से पूर्वी चीन सागर में दक्षिण की ओर उडे. जापान के पश्चिम और दक्षिण कोरिया के दक्षिण-पूर्व के बीच उड़ान भरने के बाद, वे ओकिनावा जापान के पास दो चीनी एच-6 सीरीज के बॉम्बर्स में शामिल हो गए. इसके बाद रूसी-चीनी विमानों ने शिकोकू के तट से पूर्वी चीन सागर से प्रशांत महासागर तक लंबी दूरी की संयुक्त उड़ान भरी.”

जापान की ओर से ये भी कहा गया है कि “जापान के ओकिनावा और मियाको द्वीपों के बीच एक राउंड ट्रिप के दौरान चार चीनी जे 16 फाइटर जेट्स भी इसके साथ शामिल हो गए.”

बताया जा रहा है कि रूसी-चीनी वायुसेनाओं की निगरानी के लिए जापान ने भी अपने फाइटर जेट्स को तैनात कर दिया है.

जापानी रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, कि “रूस और चीन की तरफ से यह संयुक्त अभियान “स्पष्ट रूप से हमारे देश (जापान) के खिलाफ ताकत दिखाने के इरादे से किया गया था, जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है.”

साउथ कोरिया तक दिखा चीन-जापान का तनाव, साउथ कोरिया में भी विमानों की घुसपैठ 

साउथ कोरिया की सेना ने चीन-रूस के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. साउथ कोरिया की सेना ने कहा है कि उ”सके एयरस्पेस में चीन और तीसरे देश के लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी है.” साउथ कोरिया ने कहा, “07 रूसी विमान और 02 चीनी विमान उसकी सीमा में घुस आए.”

साउथ कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया है कि दो चीनी और सात रूसी सैन्य विमान कोरिया एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (केएडीआईज़ी) में दाखिल हो गये थे, जिसके बाद दक्षिण कोरिया ने अपने लड़ाकू विमान भेजे. करीब एक घंटे तक ये विमान हमारे एयरस्पेस में आते-जाते रहे और फिर बाहर निकल गए.

चीन ने जापानी एफ 15 लड़ाकू विमान को लॉक किया, जिसके बाद बिगड़ी स्थिति

बताया जा रहा है कि चीनी एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरने वाले जे 15 लड़ाकू विमानों ने ओकिनावा के पास जापानी एफ 15 जेट को लॉक कर लिया जापान का कहना है कि उसके जेट सुरक्षित दूरी पर थे, जबकि चीन का आरोप है कि जापानी विमान उसके ट्रेनिंग मिशन में बाधा डाल रहे थे. 

मंगलवार को चीन ने जापानी विमानों को चेतावनी देने का दावा करते हुए एक कॉल का ऑडियो जारी किया, जबकि जापान ने कहा कि चीनी सैन्य अधिकारी हॉटलाइन पर प्रतिक्रिया ही नहीं दी. दोनों देश एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. 

बहरहाल जापान की नई पीएम शिगेरू इशिबा ने रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने की घोषणा की है, साथ ही ताइवान को मदद की घोषणा की है, इसी बात से चीन चिढ़ा हुआ है और इंडोपैसिफिक क्षेत्र में देशों ने वर्चस्व की जंग छेड़ दी है.

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