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पुतिन-मोदी सेल्फी देख ट्रंप बैचेन, फोन पर पीएम से की चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नई दिल्ली में गर्मजोशी दिखने और अमेरिकी संसद में मोदी-पुतिन की सेल्फी की चर्चा होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की है पीएम मोदी से लंबी बात. डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन कर रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की. 

इस बातचीत की टाइमिंग बेहद खास है. अमेरिकी संसद में पीएम मोदी और पुतिन की बढ़ती गहरी दोस्ती को लेकर ट्रंप पर सवाल खड़े किए गए हैं. भरी सभा में मोदी-पुतिन की कार में बैठी सेल्फी दिखाई गई है और ट्रंप से पूछा गया है कि उन्होंने भारत के साथ संबंध क्यों खराब किए.

वैश्विक शांति के लिए भारत-अमेरिका मिलकर करते रहेंगे काम: पीएम मोदी

मोदी-ट्रंप के बीच व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और तकनीक सहयोग को तेज करने पर जोर दिया. क्षेत्रीय हालात और साझा चुनौतियों पर भी बात हुई और मिलकर काम करने पर सहमति बनी.

पीएम नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई अपनी बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, “अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बहुत ही गर्मजोशी शानदारी बातचीत हुई. हमने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय, इंटरनेशनल घटनाक्रमों पर बात की.”

पीएम मोदी ने लिखा, “भारत और अमेरिका वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.”

पुतिन के भारत दौरे के बाद ट्रंप के साथ बातचीत

पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच ये बातचीत होने की अहमियत इसलिए बढ़ जाती है. क्योंकि पिछले सप्ताह ही पुतिन, नई दिल्ली के दौरे पर थे. और इस दौरे से साफ हो गया कि भारत, अमेरिका या वेस्ट के दबाव में नहीं है. भारत अपनी विदेश नीति खुद तय करेगा, दबाव या किसी भी तरह का टैरिफ या कोई और ब्लैकमेल नहीं सहेगा. 

जानकारी के मुताबिक मोदी और ट्रंप ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बात की. वे बदलते जियोपॉलिटिकल माहौल में आम चुनौतियों से निपटने और आम हितों को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए. दोनों नेता स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को और गहरा करने के लिए संपर्क में रहने पर सहमत हुए.

पाकिस्तान को एफ 16 अपग्रेड करने में मदद करेगा अमेरिका, ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने मार गिराया था

ये बातचीत ऐसे वक्त में हुई है जब ऑपरेशन सिंदूर में एफ-16 के मार गिराने जाने से बौखलाए अमेरिका ने अब पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले लड़ाकू विमान (एफ-16) को अपग्रेड (उन्नत) बनाने का फैसला लिया है. इसके लिए ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को 686 मिलियन डॉलर का पैकेज देने का ऐलान किया है.पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अमेरिकी फाइटर जेट एफ-16 के अपग्रेड के इस पैकेज को लेकर ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कांग्रेस (संसद) को सूचना दी है.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को एस-400 से मार गिराने का दावा किया था. इसकी पुष्टि खुद वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने की थी. आसमान में मार गिराने जाने के साथ, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के जिन एयरबेस पर हवाई हमले किए थे, वहां खड़े एफ-16 लड़ाकू विमानों को भी जबरदस्त नुकसान पहुंचा था.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान क्रेडिट न मिलने से अमेरिका-भारत में बढ़ी तल्खी

पहलगाम नरसंहार के बाद जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया और पाकिस्तान में बने आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया तो पाकिस्तान की सेना ने उछलने की कोशिश की. पाकिस्तान की सेना ने भारत के रिहायशी और सैन्य इलाकों पर ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की, जिसे भारत ने जमीन पर गिरने से पहले ही ध्वस्त कर दिया. 

पाकिस्तान में हालात ऐसे बन गए कि पाकिस्तानी डीजीएमओ को भारत के डीजीएमओ से कॉल करके सीजफायर की गुजारिश करनी पड़ी. अब यहां ट्विस्ट ये हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति दावा कर रहे हैं कि ये सीजफायर उन्होंने करवाया. उन्होंने ही भारत-पाकिस्तान में बढ़ने वाले युद्ध को रोका, व्यापार के बदले इस युद्ध को रोका गया. 

पाकिस्तान ने तो ट्रंप की चापलूसी करनी शुरु कर दी. लेकिन भारत ने वो कहा जो सच था. पीएम मोदी ने भरी संसद में खड़े होकर कह दिया कि “किसी भी विश्व के नेता ने ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा. भारत की तरफ से सैन्य एक्शन सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने के बाद अस्थाई तौर पर रोका गया है.”

पीएम मोदी की इस बात से ट्रंप को ऐेसी मिर्ची लगी कि कुछ ही घंटों में उन्होंने रूस के साथ भारत के व्यापार को मुद्दा बनाते हुए टैरिफ थोप दिया. वो भी 50 प्रतिशत का. अमेरिका को लगा था कि भारत टैरिफ के दबाव में झुक जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. भारत ने तो अमेरिकी टैरिफ को ‘अन्यायपूर्ण और अनुचित करार’ दे दिया. उल्टा रूस को अपना अहम पार्टनर बताते हुए तेल व्यापार जारी रखा.

ट्रंप के मनमाने रवैये से वो अपने देश में भी घिर गए. भारत के साथ रिश्ते बिगाड़ने पर कटघरे में खड़े किए गए. अमेरिकी संसद में भी डेमोक्रेट सांसद ने मोदी-पुतिन की सेल्फी दिखाकर ये कह दिया कि “अमेरिका के कारण भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश से संबंध खराब कर ट्रंप से सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है.”

अमेरिकी संसद में उठे इस मुद्दे के बाद ट्रंप और मोदी के बीच बातचीत हुई है. ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिका के साथ भारत ट्रेड डील करे. अमेरिका का एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल 10-11 दिसंबर को बातचीत के लिए भारत आया, लेकिन अब तक कोई खास नतीजा नहीं निकला है. क्योंकि भारत ने साफ कह दिया है कि वो वही करेगा जो राष्ट्रहित में होगा.

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